महाभारत से प्रेरणा लेते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने उस क्षण का उल्लेख किया जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जयद्रथ को हराने के लिए एक बार सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने से रोक दिया था। आज, “हमें भी अपने महत्त्वपूर्ण संस्थानों को उभरते खतरों से बचाना होगा।”
-
15 अगस्त, 2025 को, लाल किले से 79वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय सुरक्षा पहल - 'मिशन सुदर्शन चक्र' की घोषणा की।
- इस महत्वाकांक्षी दशक भर चलने वाले मिशन का उद्देश्य स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके भारत के महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करना है, जो रक्षा और रणनीतिक बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि "प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित महसूस करना चाहिए" और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह मिशन अनुसंधान-संचालित होगा और पूरी तरह से भारत में ही विकसित किया जाएगा।
आयरन डोम ऑल-वेदर वायु रक्षा प्रणाली
- "सुदर्शन चक्र" नामक वायु रक्षा प्रणाली इज़राइल की आयरन डोम ऑल-वेदर वायु रक्षा प्रणाली की तर्ज पर हो सकती है, जिसे एक बेहद प्रभावी मिसाइल शील्ड के रूप में जाना जाता है।
- यह एक छोटी दूरी की, जमीन से हवा में मार करने वाली, वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें एक रडार और तामिर इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं जो इजरायली लक्ष्यों पर लक्षित किसी भी रॉकेट या मिसाइल को ट्रैक और निष्क्रिय कर देती हैं।
- इस एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की सफलता दर 90 प्रतिशत है और अब तक 2,000 से अधिक हमास के हमलों को नाकाम कर चुका है।
स्वदेशी जेट इंजन का आह्वान
- उन्होंने घोषणा की कि भारत 2025 तक अपनी पहली मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप लॉन्च करेगा और परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल रहा है, जिससे ऊर्जा और प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व अवसर पैदा होंगे।
- श्री मोदी ने सैन्य प्लेटफार्मों के लिए विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम करने के नई दिल्ली के संकल्प का भी संकेत दिया और भारत के लड़ाकू विमानों के लिए देश में ही जेट इंजन विकसित करने का आह्वान किया।
- भारत ने लगभग 35 साल पहले स्वदेशी विमानों के लिए जेट इंजन विकसित करने हेतु एक परियोजना शुरू की थी। हालाँकि, कावेरी इंजन परियोजना अभी पूरी नहीं हुई है। इस परियोजना पर पहले ही ₹2,035 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।
- इस इंजन परियोजना को वर्ष 1989 में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था और इसे मुख्य रूप से भारत के हल्के लड़ाकू विमान (LCA) कार्यक्रम के लिए शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब तक का सबसे लंबा भाषण
- 15 अगस्त, 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले से 103 मिनट का स्वतंत्रता दिवस भाषण देकर इतिहास रच दिया, जो अब तक किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा भाषण था।
- इस भाषण ने उनके वर्ष 2024 के 98 मिनट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। मोदी से पहले, स्वतंत्रता दिवस पर सबसे लंबे भाषणों का रिकॉर्ड 1947 में जवाहरलाल नेहरू (72 मिनट) और 1997 में इंद्र कुमार गुजराल (71 मिनट) के नाम था।
सबसे छोटे भाषण
- इसके विपरीत, स्वतंत्रता दिवस पर सबसे छोटे भाषणों में से कुछ प्रमुख नेताओं जैसे स्वयं नेहरू (1954 में 14 मिनट) और इंदिरा गाँधी (1966 में 14 मिनट) के थे।
- 2012 और 2013 में डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण भी अपेक्षाकृत संक्षिप्त थे, जो क्रमशः 32 और 35 मिनट तक चले थे। इसी तरह, अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 और 2003 में क्रमशः 25 मिनट और 30 मिनट के भाषण दिए।
सर्वाधिक भाषण में पीएम मोदी दूसरे स्थान पर
- 2025 का भाषण मोदी का लगातार 12वाँ स्वतंत्रता दिवस संबोधन है, जो उन्हें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने लगातार 17 भाषण दिए थे, के बाद दूसरे स्थान पर रखता है। पीएम मोदी ने लगातार 11वीं बार भाषण देने के इंदिरा गाँधी के रिकॉर्ड को तोड़ा है।