राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के अधिकारियों ने दिल्ली और एनसीआर, उत्तर प्रदेश के दो ज़िले और पड़ोसी हरियाणा के पाँच ज़िलों में एक बहु-राज्य एकीकृत आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल 'सुरक्षा चक्र अभ्यास' का आयोजन किया गया है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के अधिकारियों ने दिल्ली और एनसीआर में 55 स्थानों पर एक बहु-राज्य एकीकृत आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल 'सुरक्षा चक्र अभ्यास' का आयोजन किया है।
- दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश के दो ज़िले - नोएडा और गाजियाबाद - और पड़ोसी हरियाणा के पाँच ज़िले - गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूह और रेवाड़ी - इस मॉक ड्रिल का हिस्सा थे।
इस अभ्यास का उद्देश्य
- आपातकालीन स्थितियों, खासकर स्वतंत्रता दिवस से पहले, की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए, अधिकारियों ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल अभ्यास आयोजित करने के लिए सहयोग किया है। पिछले महीने आयोजित ऐसे ही एक अभ्यास में, भारतीय सेना भी शामिल हुई।
- यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए), सेना की पश्चिमी कमान और दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाएँ, स्वास्थ्य एवं परिवहन विभागों के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा के आपदा प्रबंधन संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया।
आपदा प्रबंधन संस्थान और नीतियाँ
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 भारत में आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए अधिनियमित एक केंद्रीय कानून है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) भारत का एक प्रमुख विशेषज्ञ बल है जिसका गठन वर्ष 2006 में गृह मंत्रालय के अधीन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार की आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए किया गया है।
- 22 अक्टूबर, 2009 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति (NPDM) 2009, भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रतिक्रिया के लिए एक व्यापक ढाँचा प्रदान करती है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP), 2019, गृह मंत्रालय के अंतर्गत एनडीएमए द्वारा तैयार की गई मूल एनडीएमपी 2016 का संशोधित और विस्तारित संस्करण है।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंडाई फ्रेमवर्क 2015-2030 (सेंडाई फ्रेमवर्क) संयुक्त राष्ट्र द्वारा आपदा जोखिम और नुकसान को कम करने हेतु अपनाया गया एक वैश्विक समझौता है।
राजस्थान और मेघालय में सीमा पर ऑपरेशन अलर्ट
- सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने स्वतंत्रता दिवस से पहले कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा और राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर "ऑपरेशन अलर्ट" नामक एक व्यापक सुरक्षा अभियान शुरू किया है।
- राजस्थान सीमा पर, "ऑपरेशन अलर्ट" 11 अगस्त को शुरू हुआ और 17 अगस्त की मध्यरात्रि तक जारी रहेगा। संभावित खतरों का मुकाबला करने के लिए बीएसएफ इकाइयाँ कड़ी गश्त, सामरिक अभ्यास और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की समीक्षा कर रही हैं।
- विशेष रूप से श्रीगंगानगर और बीकानेर से सटे संवेदनशील क्षेत्रों में घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए निगरानी को मजबूत करना।
- मेघालय में, 10 से 16 अगस्त तक चलने वाला यह अभियान राज्य पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में चलाया जा रहा है।
ऑपरेशन फाल्कन के तहत असम में गैंडों के अवैध शिकार के लिए 40 से अधिक गिरफ्तारियाँ हुई
- असम सरकार के ऑपरेशन फाल्कन ने 42 गैंडा शिकारियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया है, छह प्रमुख शिकार गिरोहों का सफाया किया है और नौ शिकार प्रयासों को विफल किया है, जिससे 2025 तक राज्य में अब तक गैंडों की हत्या शून्य हो गई है।
- गैंडा शिकार नेटवर्क को खत्म करने और अवैध वन्यजीव व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए असम पुलिस और असम वन विभाग द्वारा 2024 में शुरू की गई एक संयुक्त शिकार-विरोधी पहल।
- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया। वीडियो में बताया गया है कि उदलगुरी (1), दारंग (8), नागांव (6), डिब्रूगढ़ (1), सोनितपुर (2), कार्बी आंगलोंग (5), और कछार (1) सहित इन जिलों में गिरफ्तारियाँ की गई हैं, और सबसे ज्यादा बिश्वनाथ (18) में हुई हैं।
- कथित तौर पर, इस अवैध शिकार के अंतर्राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय गठजोड़ की पहचान की गई है, साथ ही 6 शिकार गिरोहों की भी पहचान की गई है जो म्यांमार में अवैध व्यापार से जुड़े हैं।