2025 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, या UNFCCC के पक्षकारों का सम्मेलन, जिसे आमतौर पर COP30 के नाम से जाना जाता है, बेलेम, ब्राज़ील, 10 से 21 नवंबर, 2025 तक आयोजित हो रहा हैं।
- 2025 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, या UNFCCC के पक्षकारों का सम्मेलन, जिसे आमतौर पर COP30 के नाम से जाना जाता है, आगामी 30वाँ संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन है, जो बेलेम, ब्राज़ील, 10 से 21 नवंबर, 2025 तक एकत्रित हो रहे हैं।
- ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने मिस्र के शर्म अल शेख में आयोजित COP27 की अपनी यात्रा के दौरान इस शहर की उम्मीदवारी की घोषणा की थी और जनवरी 2023 में इसे आधिकारिक रूप से घोषित किया गया।
सीओपी का अध्यक्ष और थीम
- जनवरी 2025 में, राष्ट्रपति लूला ने ब्राज़ीलियाई राजनयिक आंद्रे कोर्रेआ डू लागो को सीओपी का अध्यक्ष नियुक्त किया। ब्राजील के बेलेम में आयोजित COP30 का ध्यान "समझौते से कार्रवाई तक: जलवायु समाधानों के कार्यान्वयन में तेजी लाना" पर केंद्रित है।
वार्ता का मुख्य विषय
- बेलेम में होने वाली वार्ता का मुख्य आकर्षण COP29 और COP30 अध्यक्षों द्वारा तैयार की गई 1.3 ट्रिलियन डॉलर की बाकू-से-बेलेम रोडमैप रिपोर्ट होगी। इसमें संसाधन जुटाने के लिए पाँच प्राथमिकताएँ निर्धारित की गई हैं, एक ऐसा कदम जो विकासशील देशों के लिए 100 बिलियन डॉलर तक का रास्ता खोल सकता है।
कॉप क्या है
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पक्षकारों का सम्मेलन – जिसे कॉप के नाम से जाना जाता है – जलवायु संकट से निपटने के लिए दुनिया का अग्रणी मंच बना हुआ है। निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं, जिससे शमन, अनुकूलन और वित्त पर सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
वैश्विक जलवायु शासन में भारत की भूमिका
- वर्ष 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने पर्यावरण संरक्षण और गरीबी उन्मूलन के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया था।
- वर्ष 1992 के रियो डी जेनेरियो में आयोजित पृथ्वी शिखर सम्मेलन में UNFCCC पर हस्ताक्षर किया।
- भारत ने वर्ष 2002 में COP8 की मेजबानी की थी। भारत ने वर्ष 2008 में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना (NAPCC) को अपनाया था, जो उत्सर्जन को कम करने एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का परिचायक है।
जलवायु परिवर्तन पर COP का इतिहास (UNFCCC के तहत)
- 1992: पृथ्वी शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) को अपनाया गया।
- 1994: UNFCCC लागू हुआ।
- 1995: बर्लिन में पहला COP (COP1) आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य वैश्विक तापमान को सीमित करने के तरीकों पर सहमति बनाना था।
- 1997: क्योटो प्रोटोकॉल को COP3 में अपनाया गया।
- 2015: पेरिस समझौता COP21 में हुआ, जिसने जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाया।
- 2019: सीओपी 25 - मैड्रिड, स्पेन दिसंबर
- 2021: सीओपी 26 - ग्लासगो, यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड।
- 2022: सीओपी 27 - शर्म अल-शेख, मिस्र।
- 2023: सीओपी 28 - दुबई, संयुक्त अरब अमीरात।
- 2024: सीओपी29 - बाकू, अजरबैजान।