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भारतीय द्वारा दान किए गए सोलर रूफटॉप ने श्रीलंकाई धार्मिक स्थलों को रोशन किया
Utkarsh Classes
Updated: 29 Oct 2024
2 Min Read
भारत सरकार ने औपचारिक रूप से श्रीलंका को दान में दिये गए सौर छत ऊर्जा प्रणाली को एक समारोह में उसे सौंप दी। यह सांकेतिक समारोह श्रीलंका के चार धार्मिक स्थानों: होकंदरा मंदिर, श्री आंजनेयार मंदिर, सेंट एंथोनी चर्च और मुतवाल जुम्मा मस्जिद पर हुआ। ये सारे सौर छत ऊर्जा प्रणाली श्रीलंका के धार्मिक स्थलों पर लगाए जा रहे हैं।
इस समारोह में कोलंबो में स्थित भारतीय उच्चायोग, सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) और श्रीलंका सस्टेनेबल एनर्जी अथॉरिटी के अधिकारियों ने भाग लिया।
भारत सरकार के 17 मिलियन डॉलर के अनुदान के तहत, श्रीलंका के 25 जिलों में 5,000 धार्मिक स्थलों पर छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा रहे हैं।
सभी हिंदू, बौद्ध, मुस्लिम और ईसाई पूजा स्थलों की छतों पर सौर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाई जा रही हैं।
इस परियोजना के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, और भारत सरकार इन स्थापित छत सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए पांच साल की रखरखाव सुविधाएं भी प्रदान करेगी।
इस परियोजना से श्रीलंका की ऊर्जा क्षमता में 25 मेगावाट सौर क्षमता जुड़ने की उम्मीद है, जिससे सालाना लगभग 37 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी।
इससे श्रीलंका के स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ इन संस्थानों के लिए ऊर्जा लागत भी कम होने की उम्मीद है।
सऊदी अरब में भारतीय प्रवासियों के बीच एकता को बढ़ावा देने के लिए और भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए,सऊदी अरब में पहला प्रवासी परिचय उत्सव आयोजित किया गया।
पहले प्रवासी परिचय उत्सव का आयोजन सऊदी अरब में स्थानीय भारतीय संघ के साथ साझेदारी में विदेश मंत्रालय के डायस्पोरा एंगेजमेंट डिवीजन द्वारा किया गया था।
इस प्रवासी परिचय उत्सव में 14 भारतीय राज्यों के 450 से अधिक कलाकारों ने अपने काला का प्रदर्शन किया।
भाग लेने वाले प्रत्येक राज्य ने अपनी विशिष्ट संस्कृति, कला, नृत्य, व्यंजन और परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए हुए अपना स्वयं का मंडप स्थापित किया।
पंजाब का भांगड़ा, केरल का मोहिनीअट्टम, ओडिशा का ओडिसी, कर्नाटक का यक्षगान, गुजरात का गरबा और महाराष्ट्र का लावणी नृत्य जैसे विभिन्न भारतीय नृत्य रूपों का प्रदर्शन किया गया। आंध्र प्रदेश के नाटकीय महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका ,तमिलनाडु की पारंपरिक पराई नृत्य और भरतनाट्यम नृत्य तथा तेलंगाना के जीवंत मारफा और लम्बाडा आदिवासी नृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सऊदी अरब की राजधानी - रियाद
मुद्रा: सऊदी रियाल
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