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Updated: 14 Nov 2024
3 Min Read
बिहार में औद्योगिक और आर्थिक विकास की संभावना को महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए , राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम की अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा परियोजना के तहत गया में एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर स्थापित किया जाएगा।
इस आशय के एक समझौते पर ,12 नवंबर 2024 को बिहार सरकार और बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकरण तथा राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) के बीच हस्ताक्षर किए गए।
गया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना से बिहार की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने, रोजगार के अवसर पैदा होने और राज्य को पूर्वी भारत में विनिर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की उम्मीद है।
गया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम की अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा परियोजना के तहत एक नोड के रूप में विकसित किया जा रहा है।
एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर, गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित है।
1670 एकड़ भूमि में फैला यह क्लस्टर ,1339 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा।
गया औद्योगिक विनिर्माण क्लस्टर में व्यवसायियों के विश्व स्तर की विकसित मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचा (सड़कें, हवाई अड्डे, रेल) और प्लग-एंड-प्ले सुविधाएं -ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एक सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, एक सीवेज उपचार संयंत्र और तूफान जल निकासी होंगी ।
सरकार को एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर में रेडीमेड परिधान, चमड़े के सामान, भवन निर्माण सामग्री, चिकित्सा उपकरण, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर, हथकरघा और हस्तशिल्प और इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन क्षेत्रों से 16,524 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की उम्मीद है।
दुनिया भर में विभिन्न सफल औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं की सफलता से प्रेरित होकर, भारत सरकार ने भारत में औद्योगिक गलियारा परियोजना शुरू की। स्वीकृत होने वाली पहली परियोजना 2007 में जापानी सहायता प्राप्त दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर थी।
औद्योगिक गलियारा देश के प्रमुख आर्थिक केंद्र को मल्टीमॉडल परिवहन प्रणाली के माध्यम से जोड़ेगा।
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा परियोजना सका मुख्य उद्देश्य:
देश के विभिन्न हिस्सों में औद्योगिक गलियारे विकसित करने के लिए, भारत सरकार ने एक केंद्र प्रायोजित परियोजना राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) शुरू की है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें एनआईसीडीपी में हितधारक हैं।
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम लागू कर रहा है।
औद्योगिक नोड्स
औद्योगिक नोड,औद्योगिक गलियारे में स्थित एक विशिष्ट क्षेत्र हैं जहां औद्योगिक विनिर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है।
वे प्लग-एंड-प्ले मॉडल पर काम करते हैं, जिसका अर्थ है कि एक कंपनी इस क्षेत्र में न्यूनतम संभव समय में उत्पादन शुरू कर सकती है, क्योंकि विनिर्माण के लिए आवश्यक सभी बुनियादी ढांचे पहले से ही वहां मौजूद हैं।
सरकार गलियारे के साथ-साथ स्मार्ट शहर भी विकसित कर रही है ताकि इन नोड्स में काम करने वाले कर्मचारी विश्व स्तरीय, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ वातावरण में रह सकें।
देश में स्वीकृत 11 औद्योगिक गलियारे हैं:
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