भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में दिए जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कारों की एक श्रेणी "राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार" की स्थापना की है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (आरवीपी) भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक होगा।
किस उद्देश्य से आरंभ किया गया आरवीपी?
- आरवीपी का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और अन्वेषकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से या टीमों में किए गए उल्लेखनीय और प्ररेणादायी योगदान को उजागर करना है।
कौन होंगे आरवीपी का पात्र?
- सरकारी या निजी संगठनों में विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद् और अन्वेषक जिन्होंने विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान, प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार या खोज में योगदान दिया हो या महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव वाले नवीन प्रौद्योगिकियों/उत्पादों का विकास किया हो, वे पुरस्कार प्राप्त करने के पात्र होंगे।
क्या भारतीय मूल के लोग भी होंगे पात्र?
- विदेश में रहकर भारतीय समुदायों या समाज को लाभ पहुंचाने में असाधारण योगदान देने वाले भारतीय मूल के लोग भी पुरस्कार के पात्र होंगे।
कितने श्रेणियों में दिए जाएँगे आरवीपी?
- विज्ञान रत्न (वीआर) पुरस्कार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में की गई जीवन भर की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देगा।
- विज्ञान श्री (वीएस) पुरस्कार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देगा।
- विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (वीवाई-एसएसबी) पुरस्कार: 45 वर्ष की आयु तक के युवा वैज्ञानिकों को मान्यता देगा और प्रोत्साहित करेगा जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है।
- विज्ञान टीम (वीटी) पुरस्कार: तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/अन्वेषकों की एक टीम को दिया जाएगा, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम के रूप में काम करके असाधारण योगदान दिया हो।
कितने क्षेत्रों में प्रदान किए आरवीपी?
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 13 क्षेत्रों यथा भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग साइंस, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और अन्य में प्रदान किया जाएगा।
- इस पुरस्कार में लैंगिक समानता सहित प्रत्येक कार्य-क्षेत्र से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति (आरवीपीसी) लेंगे अंतिम निर्णय:
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों के लिए प्राप्त सभी नामांकन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति (आरवीपीसी) के समक्ष रखे जाएँगे, जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) करेंगे।
- इस सन्दर्भ में आरवीपीसी द्वारा ही अंतिम निर्णय लिए जाएँगे।
- आरवीपीसी में विज्ञान विभागों के सचिव, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अकादमियों के सदस्य और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों के कुछ प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद् शामिल होंगे।
आरवीपी राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर दिए जाएँगे:
- पुरस्कारों की इस श्रेणी के लिए नामांकन हर साल 14 जनवरी को आमंत्रित किए जाएँगे। 28 फरवरी (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) तक नामांकन खुले रहेंगे।
- इन पुरस्कारों की घोषणा हर वर्ष 11 मई (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) को की जाएगी।
- सभी श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए पुरस्कार समारोह 23 अगस्त (राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) को आयोजित किया जाएगा।
- इन सभी पुरस्कारों में एक सनद और एक पदक भी दिए जाएँगे।
- भारत सरकार ने पद्म अवार्ड के तर्ज पर ये नए राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार द्वारा शीर्ष स्तर पर वैज्ञानिक समुदाय की उपलब्धियों को मान्यता देने में एक परिवर्तनकारी कदम हैं।
- चयन की पूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ, वैज्ञानिक अन्वेषकों और प्रौद्योगिकीविदों के सभी वर्गों द्वारा किए गए कार्यों को अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के बराबर दर्जा प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाएगा।