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यूरोपीय खगोलविदों ने खोजा मिल्की वे के सबसे बड़े तारकीय-द्रव्यमान वाला ब्लैक होल

Utkarsh Classes Last Updated 19-04-2024
European astronomers find Milky Way's largest stellar-mass black hole Space 5 min read

यूरोपीय खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा में सबसे बड़े तारकीय (स्टेलर) ब्लैक होल की खोज की है। यह पृथ्वी से 2,000 प्रकाश वर्ष दूर है। ‘बीएच-3’ नाम के इस ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य से 33 गुना ज्यादा है।

ईएसए की गैया स्पेस ऑब्जर्वेटरी ने ‘बीएच-3’ को खोजा:  

  • आकाशगंगा में इससे पहले पाए गए कई तारकीय ब्लैक होल का वजन सूर्य के द्रव्यमान से 10 गुना ज्यादा है। पहली बार उससे भारी ब्लैक होल का पता चला है। 
  • ‘बीएच-3’ की खोज यूरोपीय स्पेस एजेंसी (इएसए) की गैया स्पेस ऑब्जर्वेटरी ने की। 
  • गैया स्पेस टेलीस्कोप को वर्ष 2013 में लॉन्च किया गया था। 
  • वैज्ञानिकों को ‘बीएच-3’ का पता तब चला, जब उन्होंने ‘अकीला’ तारामंडल के एक तारे के घूमने में लचक देखी। यह तारा विशालकाय ब्लैक होल का चक्कर लगाता है। 
  • वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आकाशगंगा में ‘बीएच-3’ जैसे एक अरब तारकीय ब्लैक होल मौजूद हो सकते हैं। 
  • हालांकि इन्हें ढूंढऩा काफी मुश्किल है, क्योंकि अधिकतर तारकीय ब्लैक होल के आस-पास कोई तारा चक्कर नहीं लगाता है।

पृथ्वी से ज्यादा दूर नहीं है:

  • गैया स्पेस ऑब्जर्वेटरी से जुड़े खगोलविद डॉ. पास्क्वेले पनुजो ने कहा, हैरान करने वाली बात है कि हमारी आकाशगंगा (मिल्की वे) में तारकीय मूल का यह सबसे विशाल ब्लैक होल पृथ्वी से ज्यादा दूर नहीं है। 
  • यह अब तक खोजा गया दूसरा ऐसा ब्लैक होल है, जो पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु पर है।

एक विशाल तारे के नष्ट होने से हुई ‘बीएच-3’ की उत्पत्ति: 

  • वैज्ञानिकों के मुताबिक ‘बीएच-3’ की उत्पत्ति विशाल तारे के नष्ट होने से हुई है। कुछ ब्लैक होल धूल और गैस के भारी बादल ढहने से बनते हैं। 
  • ‘सेगिटेरियस ए’ ऐसा ही ब्लैक होल है, जो आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद है। यह सबसे बड़ा गैर-तारकीय ब्लैक होल है, जिसका द्रव्यमान सूर्य से 40 लाख गुना ज्यादा है।
  • फ्रांस के ऑब्जर्वेटोएरे डी पेरिस - पीएसएल में नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (सीएनआरएस) के एक खगोलशास्त्री पास्क्वेले पानुज़ो ने इस खोज पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि यह पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाला है। उन्होंने कहा, "हमारी आकाशगंगा में सबसे विशाल तारकीय मूल ब्लैक होल और अब तक खोजा गया दूसरा सबसे निकटतम ब्लैक होल।" है

ब्लैक होल का निर्माण : 

  • जब सूर्य के आठ गुना से अधिक द्रव्यमान वाले तारे का ईंधन समाप्त हो जाता है, तो वह एक सुपरनोवा विस्फोट से गुजरता है, जिससे इसका कोर ढहकर एक तारकीय ब्लैक होल बन जाता है।
  • सर्वप्रथम ब्लैक होल की खोज कार्ल स्क्वार्जस्चिल्ड और जॉन व्हीलर ने की थी।
  • वास्तव में जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है। धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है। फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बढ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचकर अंदर चला जाता है। वह सब कुछ अपने में निगलने लगता है। इसके प्रभाव क्षेत्र को ही इवेंट हॉराइजन कहते हैं। 
  • स्टीफन हॉकिंग के अनुसार ब्लैक होल के बाहरी हिस्से को इवेंट हॉराइजन कहते हैं। स्टीफन हॉकिंग की खोज के मुताबिक हॉकिंग रेडिएशन के चलते एक दिन ब्लैक होल पूरी तरह द्रव्यमान मुक्त हो कर गायब हो जाता है।

FAQ

Answer: यूरोपीय खगोलविदों ने आकाशगंगा (मिल्की वे) में सबसे बड़े तारकीय (स्टेलर) ब्लैक होल की खोज की है।

Answer: ‘बीएच-3’

Answer: ‘बीएच-3’ पृथ्वी से 2,000 प्रकाश वर्ष दूर है।

Answer: ‘बीएच-3’ नाम के इस ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य से 33 गुना ज्यादा है।
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