2 सितंबर 2204 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
2022 में भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की घोषणा के बाद से यह भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने का किसी कंपनी का पांचवां प्रस्ताव है।
भारतीय कंपनी कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड साणंद प्लांट में लगभग 3,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और उसकी क्षमता प्रति दिन 60 लाख चिप्स का उत्पादन करने की होगी। चिप्स का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए किया जाएगा, जिसमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि जैसे खंड शामिल हैं।
कंपनी ने तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए सिंगापुर स्थित कंपनी लाइटस्पीड फोटोनिक्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
कंपनी को 2025 के मध्य तक पहली चिप का उत्पादन करने की उम्मीद है।
उत्पादित अधिकतम चिप्स का उपयोग कंपनी द्वारा सिंगापुर, ताइवान और फिलीपींस में अपने ग्राहकों को आपूर्ति करने के लिए किया जाएगा।
29 दिसंबर 2022 को, तत्कालीन केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने 76,000 करोड़ रुपये की परिव्यय के साथ भारत सेमीकंडक्टर मिशन लॉन्च किया था ।
नीति का मुख्य उद्देश्य घरेलू और विदेशी कंपनियों को भारत में चिप विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
सेमीकंडक्टर या अर्धचालक एक भौतिक उत्पाद है जिसमें संवाहक और विसंवाहक दोनों के गुण होते हैं।
सेमीकंडक्टर एकविसंवाहक से अधिक लेकिन तांबे या एल्यूमीनियम जैसे शुद्ध संवाहक से कम बिजली का संचालन करते हैं।
सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन या जर्मेनियम या यौगिकों ; गैलियम, आर्सेनाइड या कैडमियम सेलेनाइड से बने होते हैं।
अर्धचालकों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों के बुनियादी निर्माण खंड माना जाता है।
इनका उपयोग मोबाइल फोन, टीवी, ट्रांजिस्टर, ऑटोमोबाइल, अंतरिक्ष यान आदि में किया जाता है।