प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किए जा रहे विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन, सीओपी-28 की उच्च-स्तरीय बैठकों में भाग लेने के लिए यूएई की यात्रा पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 1 दिसंबर 2023 को सीओपी-28 में 'ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम' पर उच्च स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित किये।
- सीओपी-28 का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक हो रहा है।
- कार्बन उत्सर्जन घटाने का प्रस्ताव भारत की सह-मेजबानी में रखा गया।
भारत, यूएई के साथ सीओपी-28 का सह मेजबान देश है:
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, यूएई के साथ इस इवेंट की सह-मेजबानी करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।
- पीएम मोदी ने, स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन का इस पहल से जुड़ने के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्बन क्रेडिट में सामाजिक उत्तरदायित्व का भाव ही ग्रीन क्रेडिट का आधार:
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कार्बन क्रेडिट का दायरा बहुत ही सीमित है, और ये सिद्धांत एक प्रकार से व्यावसायिक तत्त्व से प्रभावित हो रही है। कार्बन क्रेडिट की व्यवस्था में एक सामाजिक उत्तरदायित्व का जो भाव होना चाहिए, उसका बहुत अभाव है। हमें होलिस्टिक तरीके से नये तरीकों और सिद्धान्तों पर बल देना होगा और यही ग्रीन क्रेडिट का आधार है।
पीएम मोदी ने प्रकृति, विकृति और संस्कृति पर जोर दिए:
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में तीन चीजों का प्रकृति, विकृति और संस्कृति का उल्लेख करते हुए इस पर जोर दिया।
- प्रकृति के तहत पर्यावरण का नुकसान नहीं होने देना किसी के विचार की प्रवृत्ति होती है।
- विकृति के तहत, जिसकी ये सोच होती है कि दुनिया का कुछ भी हो जाए, भावी पीढ़ी का कुछ भी हो जाए, कितना ही नुकसान हो जाये, मेरा फायदा होना चाहिए। यह एक विकृत मानसिकता का संकेत देती है।
- संस्कृति के तहत, एक संस्कार है, जो पर्यावरण की समृद्धि में अपनी समृद्धि देखता है। उसको लगता है कि मैं पृथ्वी का भला करुंगा तो मेरा भी भला होगा। हम विकृति को त्यागकर, पर्यावरण की समृद्धि में अपनी समृद्धि की संस्कृति विकसित करेंगे, तभी प्रकृति यानि पर्यावरण की रक्षा हो पाएगी।
- प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ऐसे कई नए विचारों को अपनाने का आह्वान किया जो पर्यावरण को प्राकृतिक रूप से संरक्षित करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण से संबधित ‘ग्लोबल प्लेटफॉर्म’ शुभारंभ किया:
- इस दौरान प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण से संबधित एक ‘ग्लोबल प्लेटफॉर्म’ को भी लॉन्च किए। यह प्लेटफॉर्म, पर्यावरण संरक्षण से संबधित विचार, अनुभव और नवाचार को एक जगह पर संग्रहित करेगा और नॉलेज रेपॉज़िटॉरी, वैश्विक लेवल पर नीतियां, प्रथाएं और ग्रीन क्रेडिट्स की वैश्विक मांग को आकार देने में मददगार होगी।
प्रकृति की रक्षा में हमारी रक्षा:
- अंत में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन कहा कि, "प्रकृति: रक्षति रक्षिता” अर्थात् प्रकृति उसकी रक्षा करती है जो प्रकृति की रक्षा करता है। इस मंच से मैं सभी का आह्वान करता हूँ कि इस पहल से जुड़ें। साथ मिलकर, इस धरती के लिए, भावी पीढ़ियों के लिए, एक हरित, स्वच्छ और बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
सीओपी-28 से इतर तीन बैठकें आयोजित हुई:
- विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अनुसार 1 दिसंबर को तीन बैठकें सीओपी-28 से इतर आयोजित हुईं। विनय क्वात्रा ने बताया कि ‘ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव’ की शुरुआत दो देशों और यूरोपीय संघ के साझा प्रयासों के तहत की गई है।
- विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने स्वीडन, फ्रांस, इजरायल और मोजाम्बिक के राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी वार्ता की।
- पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर पीएम मोदी ने कई अहम बैठकें कीं। पीएम मोदी ने सीओपी-28 वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट में भाग लेने के दौरान देशों के सामूहिक प्रयास पर अहम बयान दिए।
सीओपी-27 सम्मलेन:
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (यूएनएफसीसीसी) का सीओपी-27 सम्मलेन 7 से 18 नवंबर 2022 के मध्य, मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित किया गया था।
- शर्म-अल-शेख सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को प्रमुख संकट मानते हुए वैश्विक तापमान को नियंत्रित करने के साथ ही क्षति के समाधान को आधिकारिक तौर पर एजेंडे में शामिल किया गया।
संयुक्त अरब अमीरात:
- राजधानी: दुबई
- मुद्रा: यूएई दिरहम
- राष्ट्रपति: शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद
- प्रधानमंत्री: शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम