पीएम ने किया 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का उद्घाटन
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Summit and Conference
5 min read
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली के यशोभूमि में दो दिवसीय (13 से 14 अक्टूबर) 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का उद्घाटन किया। यह शिखर सम्मेलन विश्वभर की सभी संसदीय प्रथाओं का एक 'महाकुंभ' है।
9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का आयोजन किसके द्वारा गया?
9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का आयोजन भारत की संसद द्वारा भारत की जी20 अध्यक्षता की व्यापक संरचना के तहत किया जा रहा है।
9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का थीम:
भारत की संसद द्वारा भारत की जी20 अध्यक्षता की व्यापक संरचना के तहत 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद' की थीम के साथ की जा रही है।
9वें पी20 शिखर सम्मेलन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
इस कार्यक्रम में जी20 सदस्यों और आमंत्रित देशों की संसदों के अध्यक्षों ने भाग लिया।
9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ के जी20 का सदस्य बनने के बाद समस्त अफ्रीकी संसद ने भी पहली बार पी20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
इस पी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विषयगत सत्र निम्नलिखित चार विषयों पर केंद्रित होंगे -
सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव;
महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास;
एसडीजी में तेजी लाना और
सतत ऊर्जा रूपांतरण।
प्रकृति के साथ संयोजन में हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में पहल पर विचार-विमर्श करने के लिए 12 अक्टूबर 2023 को लाईफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर एक पूर्व-शिखर सम्मेलन संसदीय फोरम का आयोजन भी किया गया था।
भारतीय संसद के निचले सदन (लोकसभा) के अध्यक्ष: ओम बिरला
अंतर-संसदीय संघ के अध्यक्ष: डुआर्टे पाचेको
भारतीय लोकतंत्र के सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा कि पी20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर आयोजित हो रहा है जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है बल्कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है।
भारत के पाँच हजार वर्ष पुराने वेदों और शास्त्रों में विधानसभाओं और समितियों का उल्लेख मिलता है, जहाँ समाज के कल्याण के लिए सामूहिक निर्णय लिए जाते थे।
प्रधानमंत्री ने समय के साथ भारत की संसदीय परंपराओं के निरंतर विकास और सुदृढीकरण पर चर्चा करते हुए बताया कि आजादी के बाद से भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं।
2019 का आम चुनाव, जब उनकी पार्टी सत्ता में चुनी गई, मानव इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया थी क्योंकि 600 मिलियन मतदाताओं ने इसमें भाग लिया था।
2019 के आम चुनाव के समय 910 मिलियन पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की जनसंख्या से भी अधिक थी। इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के बीच 70 प्रतिशत मतदान भारतीयों की संसदीय प्रथाओं में गहरी आस्था को दर्शाता है।
2019 के आम चुनाव में 600 से अधिक राजनीतिक दलों ने भाग लिया और 10 मिलियन सरकारी कर्मचारियों ने चुनाव के संचालन में काम किया और मतदान के लिए एक मिलियन मतदान केंद्र बनाए गए।
भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की वृहद् भागीदारी:
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों को संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के हाल के निर्णय की जानकारी दी।
स्थानीय स्व-शासन संस्थानों में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से लगभग 50 प्रतिशत महिलाएँ हैं।
भारत में लोगों को वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए 28 भाषाओं में 900 से अधिक टीवी चैनल हैं।
लगभग 200 भाषाओं में 33 हजार से अधिक विभिन्न समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगभग 3 बिलियन उपयोगकर्ता हैं।
FAQ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
यशोभूमि (नई दिल्ली के द्वारका में स्थित 'यशोभूमि' सबसे बड़ा इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (IICC) है।)
‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’
पी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विषयगत सत्रों को चार विषयों पर केंद्रित किया गया है।
स्वतंत्रता के बाद से भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं।
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