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अरुणाचल प्रदेश में भारत का पहला पूर्णतः स्वदेशी 50 किलोवाट भूतापीय संयंत्र स्थापित होगा
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Updated: 23 Jul 2025
3 Min Read
Table of Content
भारत का पहला 50 किलोवाट भू-तापीय विद्युत संयंत्र, जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है, अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थापित किया जाएगा। 50 किलोवाट का यह प्रस्तावित भूतापीय विद्युत संयंत्र पृथ्वी की आंतरिक ऊर्जा का उपयोग करके 68 डिग्री सेल्सियस के निम्न तापमान में बिजली का उत्पादन करेगा।
अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर स्थित पृथ्वी विज्ञान एवं हिमालय अध्ययन केंद्र के प्रमुख रूपांकर राजखोवा ने यह जानकारी दी।
यह संयंत्र पृथ्वी विज्ञान एवं हिमालय अध्ययन केंद्र द्वारा श्रीराम औद्योगिक अनुसंधान संस्थान के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए दोनों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
श्रीराम औद्योगिक अनुसंधान संस्थान पहले से ही स्वदेशी रूप से विकसित द्विध्रुवीय प्रक्रिया प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 68°C पर संचालित 20-किलोवाट भूतापीय विद्युत संयंत्र का संचालन कर रहा है।
यह परियोजना तीन वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है और इस पर 10 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय होगा।
इस परियोजना को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा।
भूतापीय संयंत्र तमांग जिले के मागो, थिंगबू और दमतेंग में स्थापित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के लगभग 5,000 लोग लाभान्वित होंगे।
पृथ्वी विज्ञान एवं हिमालय अध्ययन केंद्र द्वारा ओस्लो स्थित नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट (एनजीआई) और आइसलैंड स्थित कंपनी जियोट्रॉपी के सहयोग से राज्य में संभावित भूतापीय स्थलों के सर्वेक्षण के बाद इस स्थल का चयन किया गया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के "भारत का भूतापीय एटलस (2022)" के अनुसार, भारत में 381 संभावित स्थलों के साथ 10,600 मेगावाट भूतापीय ऊर्जा की क्षमता है।
पृथ्वी की सतह के नीचे, मैग्मा तक,चट्टानों और तरल पदार्थों में ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।
बिजली उत्पादन के लिए, भूमिगत ऊर्जा स्रोत तक पहुँचने के लिए एक कुआँ खोदा जाता है।
कुआँ भूमिगत ऊर्जा स्रोत से भाप और गर्म पानी निकालकर एक टर्बाइन चलाता है जिससे बिजली उत्पन्न होती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया में भूतापीय ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
पहला भूतापीय संयंत्र 1904 में इटली में स्थापित किया गया था।
दुनिया का सबसे बड़ा भूतापीय क्षेत्र कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को के उत्तर में गीज़र क्षेत्र है।
भारत में कुछ सबसे आशाजनक भू-तापीय स्थल इस प्रकार हैं:
स्थापना - 13 अक्टूबर 2021
यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक स्वायत्त संस्थान है।
यह केंद्र अरुणाचल प्रदेश में जलवायु विज्ञान, भूविज्ञान, जल विज्ञान और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए समर्पित है।
मुख्यालय: ईटानगर
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