उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और मंत्रालय की राष्ट्रीय एससी-एसटी हब (एनएसएसएच) योजना समेत अन्य योजनाओं के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) भारत सरकार ने 18 अगस्त 2023 को गुमला (झारखंड) में एनएसएसएच कॉन्क्लेव का आयोजन किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और भारत से समग्र निर्यात में योगदान के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई न केवल रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करता है, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगीकरण में भी मदद करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड का एमएसएमई क्षेत्र कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। साथ ही यह खनिज आधारित इकाइयों की स्थापना के लिए सबसे आकर्षक क्षेत्रों में से एक है।
राज्य वन और खनिज आधारित उद्योगों के विकास के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराता है और मंत्रालय इन इकाइयों को फलने-फूलने के लिए जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए कई उपाय कर रहा है।
सीपीएसई, बैंकों और ऋण देने वाले संस्थानों के साथ एक विशेष तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया, जिसने इच्छुक और मौजूदा एससी-एसटी उद्यमियों के चर्चा करने का एक बेहतरीन मंच उपलब्ध कराया।
ओएनजीसी, बीएसएनएल, दामोदर घाटी निगम लिमिटेड आदि जैसे सीपीएसई ने विक्रेता पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया पर प्रस्तुतियां दीं। इसके साथ ही एससी-एसटी के स्वामित्व वाले एमएसई से खरीदे जा सकने वाले उत्पादों/सेवाओं के बारे में जानकारी साझा की।
इस कार्यक्रम में एसबीआई, सिडबी, आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड और नाबार्ड जैसे वित्तीय संस्थान भी शामिल हुए, जिन्होंने एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित विभिन्न ऋण योजनाओं की जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में समावेशी विकास, एससी-एसटी समुदायों के बीच उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सार्वजनिक खरीद नीति के तहत 4 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी की भी चर्चा की गई।
स्थापना: 15 नवंबर 2000
राजधानी: रांची
प्रथम राज्यपाल: प्रभात कुमार
राज्यपाल: सी.पी. राधाकृष्णन (झारखण्ड के 11वें राज्यपाल)
प्रथम मुख्यमंत्री: बाबूलाल मराण्डी
मुख्यमंत्री: हेमंत सोरेन