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एआईएफ और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया करेंगे ‘भारत ड्रोन शक्ति 2023’ की मेजबानी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
AIF and Drone Federation of India to host ‘Bharat Drone Shakti 2023’ Science and Technology 3 min read

भारतीय वायुसेना (एआईएफ) और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया देश में मानवरहित प्लेटफार्मों का बेहतर उपयोग करने हेतु 'भारत ड्रोन शक्ति 2023' की सह-मेजबानी करने के लिए एक साझेदारी की है। 

इस कार्यक्रम का आयोजन 25 और 26 सितंबर 2023 को हिंडन (गाजियाबाद) में एलएएफ के एयरबेस पर किया जाएगा, जिसका भारतीय ड्रोन उद्योग द्वारा लाइव हवाई प्रदर्शन किया जाएगा।

कार्यक्रम के मुख्य भागीदार:

  • 'भारत ड्रोन शक्ति 2023' में भारतीय ड्रोन उद्योग की पूरी क्षमता के साथ 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शनों की मेजबानी करेगा, जिसमें सर्वेक्षण ड्रोन, कृषि ड्रोन, आग दमन ड्रोन, सामरिक निगरानी ड्रोन, हेवी-लिफ्ट लॉजिस्टिक्स ड्रोन, लोटरिंग मूनिशन सिस्टम का प्रदर्शन, ड्रोन समूह और काउंटर-ड्रोन के साथ-साथ 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप और कॉरपोरेट्स की भागीदारी होगी।
  • इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार, राज्य सरकार विभागों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, मित्र देशों के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और छात्रों एवं ड्रोन के प्रति जिज्ञासा रखने वाले लगभग 5,000 लोगों के उपस्थित होने की उम्मीद है।

भारत को 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनाने का लक्ष्य:

  • भारत ड्रोन शक्ति-2023, आयोजन का महत्वपूर्ण उद्देश्य, भारत को 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करना है।

ड्रोन प्रौद्योगिकी:

  • सामान्यतः ड्रोन शब्द का उपयोग मानवरहित विमानों के परिचालन के लिए होता है।
  • एक ड्रोन दुरस्त संचालित होने के साथ ही उन्नत स्तर पर पुर्णतः स्वचालित भी हो सकता है, अर्थात यह अपने परिचालन एवं गणना करने हेतु सेंसर तथा LiDAR (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) डिटेक्टर प्रणाली पर निर्भर है।

ड्रोन का उपयोग:

  • रक्षा क्षेत्र: ड्रोन सिस्टम को आतंकवादी हमलों के विरुद्ध हथियार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
    • वर्तमान में रूस-युक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध में ड्रोन का वृहत उपयोग देखा जा सकता है। इसके साथ ही दूरदराज़ के क्षेत्रों में संचार स्थापित करने एवं काउंटर-ड्रोन समाधान के लिये उपयोग किया जा सकता है।
    • ड्रोन को राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र प्रणाली में एकीकृत किया जा सकता है। 
  • कृषि क्षेत्र: ड्रोन की मदद से कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का छिड़काव किया जा सकता है।
    • इसका उपयोग कृषकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण में भी किया जा सकता है। 
  • इसके अतिरिक्त कानून प्रवर्तन, सरकारी निगरानी, हेल्थकेयर डिलीवरी आदि कार्यों में ड्रोन का उपयोग आज काफी तेजी से हो रहा है। 

FAQ

Ans. - भारतीय वायुसेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया

Ans. - हिंडन (गाजियाबाद) में एलएएफ के एयरबेस
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