भारतीय सेना के बहादुर और दिलेर जवानों के बलिदान और 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के सम्मान में , कृतज्ञ राष्ट्र हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाता है।
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के द्रास सेक्टर का दौरा करेंगे।
कारगिल युद्ध
- कारगिल युद्ध 8 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 के बीच भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच लड़ा गया था।
- उस समय, भारत में प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार सत्ता में थी, और नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के प्रधान मंत्री थे।
- मुजाहिदीन के वेश में पाकिस्तानी सशस्त्र कर्मियों ने 1999 की सर्दियों में उस समय के जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पार की तथा रणनीतिक ऊंचाइयों पर खाली पड़ी भारतीय चौकी पर कब्जा कर लिया। उस स्समय सर्दी के मौसम में भारतीय सेनाएँ ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित अपनी चौकियाँ छोड़ का जमीन पर आ जाती थी।
- पाकिस्तानी सेना का मुख्य उद्देश्य कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना और भारत को सियाचिन ग्लेशियर पर बातचीत के लिए मजबूर करना था। वह रणनीतिक ऊंचाइयों पर भी कब्जा करना चाहता था ताकि कारगिल के द्रास और लद्दाख के बटालिक सेक्टर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण NH 1A उनकी फायरिंग रेंज में आ सके और सड़क पर सभी सैन्य और नागरिक गतिविधियों को रोक दिया जा सके।
- NH1A भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लद्दाख को श्रीनगर से जोड़ता है और इस महत्वपूर्ण मार्ग के माध्यम से सेना ,सियाचिन ग्लेशियर में स्थित अपने अड्डे को भोजन और हथियारों की आपूर्ति करता है।
- सियाचिन ग्लेशियर भारतीय सेना के नियंत्रण में है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है।
- आपूर्ति मार्ग में कटौती कर पाकिस्तानी सेना चाहती थी कि भारत पर वह सियाचिन मुद्दे पर पर बातचीत के लिए दबाव बना सके।
ऑपरेशन विजय
- पाकिस्तानी घुसपैठियों को पहाड़ी ऊंचाइयों से खदेड़ने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया।
- मुजाहिदीन के वेश में पाकिस्तानी सैनिकों को पहाड़ी ऊंचाइयों से खदेड़ने के लिए सेनाएं जुटाई गईं और वायु सेना का भी इस्तेमाल किया गया।
- भारतीय वायुसेना ने इन पहाड़ी इलाकों में पाकिस्तानी घुसपैठियों के कब्जे वाली चौकियों पर बमबारी करने के लिए ऑपरेशन सफेद सागर चलाया।
- पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार था कि भारतीय वायु सेना को जम्मू और कश्मीर में तैनात किया गया था (उस समय, कारगिल जम्मू और कश्मीर राज्य में था)
- इस युद्ध में भारतीय सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि पाकिस्तानी सेना अधिक ऊंचाई पर थी, जिससे उनके लिए आगे बढ़ रहे भारतीय सैनिकों पर गोली चलाना आसान हो जाता था।
कारगिल में विजय
- भारतीय सेना अंततः नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से से पाकिस्तानी घुसपैठियों को हराने और बेदखल करने में कामयाब रही और 26 जुलाई1999 को औपचारिक रूप से जीत का दावा किया।
- तब से 26 जुलाई को पूरे देश में यह दिन, हर साल बेहद गर्व के साथ कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- युद्ध के दौरान कुल 527 भारतीय सशस्त्र सैनिकों ने अपना बलिदान दिया जबकि एक अनुमान के अनुसार इस युद्ध में करीब 700 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए ।
कारगिल समीक्षा समिति
- भारत सरकार ने 1999 में के. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में कारगिल समीक्षा समिति की स्थापना की।
- समिति को कारगिल में पाकिस्तान के आक्रमण के लिए जिम्मेदार घटनाओं की समीक्षा करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाने का काम सौंपा गया था।
- इसम समिति ने सशस्त्र बलों में सैनिकों की औसत आयु कम करने का भी सुझाव दिया है।