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भगवद गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल

Utkarsh Classes Last Updated 18-04-2025
Bhagavad Gita &Natyashastra  in UNESCO’s Memory of the World Register Art & Culture 4 min read

प्राचीन भारतीय ग्रंथ, श्रीमद भगवद गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया है। यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल भारतीय अभिलेखों की कुल संख्या अब 14 हो गई है। 

श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को रजिस्टर में शामिल होने की जानकारी, 18 अप्रैल 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी।

यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में 74 नए आलेख जोड़े गए

  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के कार्यकारी बोर्ड ने 17 अप्रैल 2025 को पेरिस, फ्रांस में आयोजित अपनी बैठक में, मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर की अपनी सूची में 74 नए आलेखों को जोड़ने की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति की सिफारिश को मंजूरी दी।
  • ये 74 आलेख, 72 देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों से हैं।
  • नए जोड़े गए नए आलेख  वैज्ञानिक क्रांति, इतिहास में महिलाओं के योगदान और बहुपक्षवाद के प्रमुख मील के पत्थर सहित विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं।
  • 74 नए आलेखों को शामिल करने के साथ, यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल आलेखों की कुल संख्या अब 570 हो गई है।

भगवद गीता के बारे में

  • श्रीमद भगवद गीता का उल्लेख हिंदू महाकाव्य महाभारत के भीष्मपर्व में किया गया है।
  •  माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी।
  • भगवद गीता में 700 श्लोक हियन जो 18 अध्यायों में वर्णित हैं।
  • यह पांडवों और कौरवों के बीच महान युद्ध की पूर्व संध्या पर भगवान कृष्ण और अर्जुन के बीच एक संवाद है, जिसे महाभारत के नाम से भी जाना जाता है।
  • श्रीमद भगवद गीता को प्राचीन भारतीय बौद्धिक परंपरा के संग्रह के रूप में देखा जाता है जिसमें वैदिक, बौद्ध, जैन और चार्वाक दार्शनिक परंपराओं का ज्ञान समाहित है।

नाट्यशास्त्र के बारे में

  • नाट्यशास्त्र, जिसकी रचना भरतमुनि ने दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में की थी, में 36,000 श्लोक हैं।
  • नाट्यशास्त्र, जिसे गंधर्व वेद के नाम से भी जाना जाता है, नाट्यवेद का सार माना जाता है - जो प्रदर्शन कलाओं की मौखिक परंपरा है।
  • नाट्यशास्त्र, नाट्य (नाटक), अभिनय (प्रदर्शन), रस (सौंदर्य सार), भाव (भावना) और संगीत (संगीत) पर एक विस्तृत ग्रंथ है।
  • प्राचीन ग्रंथ को भारतीय रंगमंच, काव्यशास्त्र, सौंदर्यशास्त्र, नृत्य और संगीत की नींव माना जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि नाट्यशास्त्र का मूल रूप भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे में संरक्षित है।

यूनेस्को की विश्व स्मृति के बारे में

  • यूनेस्को द्वारा 1992 में यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर शुरू की गई थी।
  • रजिस्ट्री का प्राथमिक उद्देश्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य के अभिलेखों को संरक्षित करना है, ताकि उन्हें बिना किसी बाधा के सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।
  • दस्तावेजी विरासत के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना।

यह भी पढ़ें:

भारत का 43वां यूनेस्को विरासत स्थल: असम का मोइदाम

FAQ

उत्तर: श्रीमद भगवद गीताऔर भरतमुनि का नाट्यशास्त्र।

उत्तर: 14

उत्तर: 2025 में 72 ,अब इसमे कुल दस्तावेजी विरासतें संख्या 570 है।

उत्तर : भरतमुनि द्वारा रचयित नाट्यशास्त्र
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