राजस्थान की पहली महिला मंत्री कमला बेनीवाल का 15 मई 2024 को जयपुर, राजस्थान में निधन हो गया। वह 97 वर्ष की थीं। अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान,कमला बेनीवाल कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रहीं तथा कई संवैधानिक पदों पर भी रहीं।
कमला बेनीवाल का जन्म 1927 में झुंझुनू जिले के गौरीर गांव में एक जाट परिवार में हुआ था।
वह एक स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने जयपुर के महाराजा कॉलेज से बीए और राजस्थान के टोंक में स्तिथ प्रसिद्ध बनस्थली विद्यापीठ से इतिहास में एमए की पढ़ाई पूरी की।
अंबर ए विधान सभा सीट जीतने के बाद वह राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं। इसके बाद वह जयपुर से सात बार विधायक चुनी गईं।
1954 में 27 साल की उम्र में उन्हें मोहनलाल सुखाड़िया सरकार में मंत्री नियुक्त किया गया। इस प्रकार वह राजस्थान में मंत्री बनने वाली पहली महिला बनीं। बाद में उन्होंने राज्य में विभिन्न कांग्रेस सरकारों में मंत्री के रूप में विभिन्न विभागों को संभाला।
2003 में उन्हें अशोक गहलोत सरकार में उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।
कमल बेनीवाल ने राज्य के राज्यपाल का संवैधानिक पद भी संभाला। वह त्रिपुरा, गुजरात और मिजोरम की राज्यपाल रहीं। गुजरात के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल विवादास्पद रहा। नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होने 2011 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को कमल बेनीवाल को वापस बुलाने के लिए पत्र लिखा था क्योंकि कमल बेनीवाल ने लोकायुक्त की नियुक्ति में राज्य सरकार को दरकिनार कर दिया था।
जब 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में आई, तो कमला बेनीवाल को उनके शेष कार्यकाल के लिए गुजरात से मिजोरम स्थानांतरित कर दिया गया।
शन्नो देवी किसी राज्य विधान सभा की पहली महिला अध्यक्ष थीं। वह हरियाणा विधान सभा की अध्यक्ष चुनी गईं (6 दिसंबर 1966 से 17 मार्च 1967 तक) थीं।