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रूसी राष्ट्रपति पुतिन जी20 शिखर बैठक के लिए भारत नहीं आएंगे

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Russian President Putin not to visit India for the G20 summit meeting Person in News 5 min read

28 अगस्त 2023 को प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन सितंबर 2023 में नई दिल्ली में होने वाले 18वां जी 20 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन  में भाग लेने के लिए भारत नहीं आएंगे। 

व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत में इस फैसले से अवगत कराया।  उन्होंने कहा कि रूस का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। 

पुतिन के भारत न आने की वजह

वाल्दिमीर पुतिन 2022 में इंडोनेशिया में आयोजित 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे । उन्होंने हाल ही में अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका नही गए थे और एक वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में भाग लिया था । उन्होंने हाल के दिनों में शायद ही कभी अपने देश से बाहर यात्रा की हो।

 रूसी विदेश कार्यालय के अनुसार वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा ,पुतिन के एजेंडे में नहीं है क्योंकि वह यूक्रेन में चल रहे  विशेष रूसी सैन्य अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था और यह युद्ध अभी भी जारी है। रूस यूक्रेन पर अपने आक्रमण को 'विशेष सैन्य अभियान' कहता है। पश्चिमी देश यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने रूस पर इस कारण कई प्रतिबंध लगा रखे हैं।

पुतिन के बाहर यात्रा न करने का दूसरा प्रमुख कारण अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के द्वारा  पुतिन के खिलाफ , यूक्रेन में युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।  जो भी देश अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय  का सदस्य है उसे पुतिन को अपने देश में गिरफ्तार करना होगा। दक्षिण अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय  का सदस्य है और शायद यह भी एक कारण था जिसके चलते पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका  न जाने का  फैसला किया ।

हालाँकि भारत अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का सदस्य नहीं है और भारत में उनकी गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है।

ग्रुप ऑफ 20 या जी-20 19 देशों और यूरोपीय संघ का एक बहुपक्षीय संगठन है। इसकी स्थापना 1999 में की गई थी और भारत इसकी स्थापना के बाद से ही जी-20 का सदस्य रहा है।

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना 1998 में हस्ताक्षरित रोम क़ानून के तहत की गई थी। इसने 1 जुलाई 2002 से कार्य करना शुरू किया,हालांकि यह संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) का कार्य

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) पहला स्थायी और स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक निकाय है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता के सबसे गंभीर अपराधों की जांच करता है और उन पर मुकदमा करता है:

  • नरसंहार,
  • युद्ध अपराध,
  • मानवता के खिलाफ अपराध और
  • आक्रामकता का अपराध।

आईसीसी राष्ट्रीय अदालतों की जगह नहीं लेता है, लेकिन अगर कोई देश इन अपराधों की जाँच नहीं करता है या  या दोषियों को दंडित नहींकरता तब आईसीसी में मुकदमा किया जा सकता है ।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का मुख्यालय: हेग, नीदरलैंड

महत्वपूर्ण  देश  जो आईसीसी के सदस्य नहीं हैं 

भारत, रूस, इज़राइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन कुछ ऐसे महत्वपूर्ण देश हैं जो अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के सदस्य नहीं हैं।

FAQ

उत्तर : रूस के विदेश मंत्री

उत्तर: हेग, नीदरलैंड
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