केरल के अलाप्पुझा जिले के कुट्टनाड क्षेत्र के एडथुआ और चेरुथाना में हजारों बत्तखें अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा एच5एन1 से संक्रमित पायी गई हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी हाल ही में एच5एन1 बर्ड फ्लू के खतरे के बारे में चेतावनी जारी की है, जिसमे संक्रमित मनुष्यों में मृत्यु दर असाधारण रूप से उच्च होती है। इसके कारण क्षेत्र में चिंता फैल गई है।
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस ए (एच5एन1) का प्रकोप भारत में पहली बार फरवरी 2006 में महाराष्ट्र के नवापुर में एक पोल्ट्री फार्म में दर्ज किया गया था।
अलाप्पुझा जिले में बर्ड फ्लू का नवीनतम मामला पहली बार 12 अप्रैल 2024 को सामने आया था। संक्रमित पक्षियों के शवों को परीक्षण के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल भेजा गया था। संस्थान ने एच5एन1 वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की। पक्षी के शवों में एच5एन1 वायरस की पुष्टि के बाद जिला अधिकारियों ने क्षेत्र में बर्ड फ्लू की आधिकारिक रूप से मौजूदगी की घोषणा की।
जिला अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में सभी घरेलू पक्षियों को मारने और नष्ट करने का फैसला किया है।
पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में बर्ड फ्लू की यह चौथी घटना है। इससे पहले 2021, 2022 और 2023 में कुट्टनाड, थकाज़ी ग्राम पंचायत और वज़ुथानम इलाके से बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे।
अलाप्पुझा के जिला अधिकारियों ने कहा है कि बर्ड फ्लू के इंसानों को संक्रमित करने की कोई संभावना नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुख्य वैज्ञानिक जेरेमी फर्रार ने एच5एन1 बर्ड फ्लू वायरस के प्रसार के बारे में चेतावनी दी है, जिसके कारण संक्रमित मनुष्यों में मृत्यु दर असाधारण रूप से उच्च है।
डबल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक के अनुसार एच5एन1 वायरस हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में घरेलू मवेशियों सहित कई स्तनपायी प्रजातियों में फैलता पाया गया है।
पहली बार गाय और बकरियां इस वायरस से संक्रमित पाई गई हैं। अमेरिका के टेक्सास में एक व्यक्ति गायों के संपर्क में आने के बाद बर्ड फ्लू से संक्रमित पाया गया।
डबल्यूएचओ के अनुसार, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एक संक्रमित व्यक्ति वायरस को दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित कर सकता है लेकिन भविष्य में इसकी संभावना अधिक है। एच5एन1 वायरस तेजी से उत्परिवर्तन कर रहा है। पहले यह पक्षियों में फैलता था लेकिन अब यह गाय और बकरियों जैसे स्तनधारियों में भी फैल रहा है। वायरस का भविष्य में मानव से मानव में संचरण हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ऐसे मामलों में जहां मनुष्य पिछले 20 वर्षों में जानवरों के संपर्क के माध्यम से संक्रमित हुए हैं, वहाँ मृत्यु दर असाधारण रूप से अधिक पाई गई है क्योंकि मनुष्यों में वायरस के प्रति कोई प्राकृतिक प्रतिरक्षा नहीं मौजूद होती है।
डबल्यूएचओ के अनुसार, 2003 से 2024 तक, दुनिया भर के 23 देशों में एच5एन1 के कारण 889 मामले और 463 मौतें दर्ज की गईं है ।
यह बीमारी सबसे पहले 2003 में वियतनाम में रिपोर्ट की गई थी। अब यह बीमारी दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में फैल चुकी है।
एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) या बर्ड फ्लू पक्षियों (एवियन) की एक बीमारी को संदर्भित करता है जो कई प्रकार के इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह वायरस स्वाभाविक रूप से दुनिया भर में जंगली पक्षियों में पाये जाते हैं और उनसे यह घरेलू मुर्गीपालन और अन्य पक्षी और पशु प्रजातियों को संक्रमित कर सकते हैं।
बर्ड फ्लू के वायरस आम तौर पर इंसानों को संक्रमित नहीं करते हैं। हालाँकि बर्ड फ़्लू वायरस से मानव संक्रमण के कुछ मामले पाए गए हैं।
संक्रमित पक्षी अपनी लार, श्लेष्मा और मल के माध्यम से एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस फैलाते हैं।
कोई व्यक्ति इस वायरस से तब संक्रमित होता है जब वायरस उस व्यक्ति में या उसकी आंखों, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में चला जाता है।
मनुष्यों में संक्रमण के लक्षणों में खांसी, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं। यह रोग व्यक्ति में गंभीर निमोनिया का कारण बन सकता है जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के रूप में की गई थी। इसके 194 सदस्य देश हैं।
डबल्यूएचओ का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है। डबल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस हैं।