ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस साल मुंबई पुलिस ने 5,000 से अधिक लापता नाबालिगों को बचाया है। ऑपरेशन मुस्कान गृह मंत्रालय की एक परियोजना है जिसका उद्देश्य लापता बच्चों को ढूंढना और उन्हें बचाना और पुनर्वास करना है।
ऑपरेशन मुस्कान के बारे में सब कुछ
ऑपरेशन स्माइल, जिसे ऑपरेशन मुस्कान भी कहा जाता है, लापता बच्चों को बचाने/पुनर्वास करने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) की एक पहल है। यह एक महीने के लिए एक समर्पित अभियान है जहां राज्य पुलिस कर्मियों द्वारा लापता बच्चों का पता लगाने और उन्हें बचाने और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए कई गतिविधियां की जाती हैं।
कैसे शुरू हुई ऑपरेशन स्माइल?
सरकार की पहल सितंबर 2014 के दौरान गाजियाबाद पुलिस, उत्तर प्रदेश द्वारा शुरू किए गए "ऑपरेशन स्माइल" नामक एक सफल ऑपरेशन पर आधारित है। ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, गाजियाबाद के 227 लापता बच्चों को केवल एक महीने में देश के विभिन्न हिस्सों से बचाया गया था।
ऑपरेशन स्माइल के हिस्से के रूप में की गई गतिविधियाँ
- आश्रय गृहों, प्लेटफार्मों, बस स्टैंडों, सड़कों, धार्मिक स्थानों आदि में रहने वाले सभी बच्चों की जांच प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों द्वारा की जानी है।
- ऑपरेशन से पहले, प्रत्येक राज्य के पुलिस कर्मियों को ऐसे बच्चों को डराए बिना चतुराई से उनसे जानकारी निकालने की पद्धति के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (POCSO) अधिनियम, किशोर न्याय (देखभाल और देखभाल) के विभिन्न प्रावधानों के बारे में उचित प्रशिक्षण दिया जाता है। बच्चों का संरक्षण) जेजे अधिनियम, बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, सीआरपीसी और आईपीसी की संबंधित धाराएं और गृह मंत्रालय द्वारा जारी सलाह आदि।
- समस्या की भयावहता जानने के लिए, लापता बच्चों के मामलों की संख्या के पूर्ण विवरण के साथ डेटा को अंतर-राज्य और अंतर-राज्य स्तर पर बनाए रखा और साझा किया जाएगा। बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) के बारे में जानकारी तैयार की जाएगी और सभी बचाव टीमों और हितधारकों के बीच साझा की जाएगी।
- ऑपरेशन के दौरान, ऐसे पहचाने गए बच्चों का विवरण संबंधित राज्य पुलिस द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के 'लापता बच्चे' पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
- जब भी आवश्यकता हो, पुनर्वास उपाय अन्य संबंधित विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस, श्रम आदि के समन्वय से किए जाने चाहिए ताकि पुन: उत्पीड़न की गुंजाइश समाप्त हो जाए।
- राष्ट्रीय अभियानों, राष्ट्रीय मीडिया पर विज्ञापनों आदि के माध्यम से जन जागरूकता बढ़ाई जाएगी।