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भारतीय नौसेना ने हस्तनिर्मित प्राचीन सिले हुए जहाज आईएनएसवी कौंडिन्य को नौसेना में शामिल किया

Utkarsh Classes Last Updated 22-05-2025
Indian Navy inducts handmade ancient stitched ship INSV Kaundinya Defence 5 min read

भारतीय नौसेना ने औपचारिक रूप से एक हस्तनिर्मित सिले हुए जहाज,आईएनएसवी कौंडिन्य,जो अजंता की गुफाओं की 5वीं शताब्दी की पेंटिंग से प्रेरित है, को अपने बेड़े में शामिल किया।आईएनएसवी कौंडिल्य को 21 मई 2025 को कर्नाटक के कारवार अड्डे पर भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित एक समारोह में शामिल किया गया। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस समारोह के मुख्य अतिथि थे।

सिला हुआ जहाज क्या होता है?

सिला हुआ जहाज लकड़ी से बना एक प्रकार का समुद्री जहाज है। इसमे लकड़ी के तख्तों को नारियल के रस्सी के बांधा जाता है और प्राकृतिक रेजिन का इस्तेमाल जलरोधक के रूप में कर एक साथ सिला जाता है। 

जहाज निर्माण की इस पद्धति का उपयोग प्राचीन भारत में समुद्री जहाज बनाने के लिए किया जाता था। प्रोजेक्ट आईएनएसवी कौंडिन्य भारतीय पारंपरिक जहाज निर्माण शिल्प और भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने का एक प्रयास है।

प्रोजेक्ट आईएनएसवी कौंडिन्य के बारे में

जुलाई 2023 में, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, भारतीय नौसेना और मेसर्स होदी इनोवेशन ने अजंता की गुफाओं में चित्रित एक पेंटिंग पर आधारित एक जहाज बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जहाज को चौकोर पाल और लकड़ी के स्टीयरिंग ओर्स (नावों को नियंत्रित करने का उपकरण) के साथ सिलाई के माध्यम से जहाज निर्माण की पारंपरिक विधि का उपयोग करके बनाया जाना था।

संस्कृति मंत्रालय की भूमिका

  • इसने परियोजना को पूरी तरह से वित्तपोषित किया।

भारतीय नौसेना का योगदान

  • भारतीय नौसेना इस परियोजना की संकल्पना और क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार प्रमुख एजेंसी थी।
  • यह परियोजना से जुड़ी तकनीकी समस्याओं के समाधान,डिजाइन और निर्माण के लिए जिम्मेदार थी।
  • भारतीय नौसेना ने समुद्र में पोत के हाइड्रोडायनामिक व्यवहार को मान्य करने के लिए मॉडल परीक्षण करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के साथ सहयोग किया।
  • भारतीय नौसेना अपनी समुद्री योग्यता साबित करने के लिए महासागरों में अपनी यात्रा के लिए जहाज का संचालन भी करेगी।
  • आईएनएसवी कौंडिन्य की पहली यात्रा,अरब सागर से होते हुए गुजरात से ओमान तक होगी।

मेसर्स होदी इनोवेशन का योगदान

  • मेसर्स होदी इनोवेशन कंपनी गोवा में अपने शिपयार्ड में जहाज के निर्माण के लिए जिम्मेदार थी।
  • जहाज को फरवरी 2025 में गोवा में मेसर्स होडी इनोवेशन शिपयार्ड में समुद्र में उतारा गया।
  • समुद्री परीक्षण के बाद, इसे औपचारिक रूप से आईएनएसवी कौंडिन्य के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल या गया।

जहाज बनाने वाले कारीगर

  • मास्टर शिपराइट बाबू शंकरन के नेतृत्व में केरल के कुशल कारीगरों की एक टीम ने लकड़ी के तख्तों, नारियल के रस्सियों और प्राकृतिक रेजिन का उपयोग करके जहाज बनाया। 
  • जहाज बनाने में उन्हें कई महीने लगे। 

अजंता गुफाओं के बारे में

अजंता गुफाएँ बुद्ध और बौद्ध धर्म को समर्पित एक प्राचीन बौद्ध रॉक-कट वास्तुकला हैं।

अजंता की पहाड़ियों में वाघोरा नदी के बाएं किनारे के ऊपर एक खड़ी चट्टान को काटकर गुफाएँ बनाई गई थीं।

यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है।

यहाँ तीस गुफाएँ हैं, जिनमें  कुछ अधूरी गुफाएँ भी शामिल हैं।

गुफाएँ चैत्यगृह (अभयारण्य) और बौद्ध भिक्षुओं के लिए संघराम या विहार (मठ) हैं।

इसे 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

FAQ

उत्तर: आईएनएसवी कौंडिन्य

उत्तर: उन्होंने केरल के कारीगरों की उस टीम का नेतृत्व किया, जिन्होंने भारतीय नौसेना के प्राचीन सिले हुए जहाज, आईएनएसवी कौंडिन्य का निर्माण किया।

उत्तर: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में अजंता गुफाएँ।
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