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जलवायु संकट को उजागर करने के लिए अमिताव घोष को इरास्मस पुरस्कार से सम्मानित किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Amitav Ghosh Awarded Erasmus Prize for Highlighting Climate Crisis Award and Honour 3 min read

7 मार्च 2024 को भारतीय लेखक अमिताव घोष को जलवायु परिवर्तन संकट को उजागर करने के लिए ‘इरास्मस पुरस्कार’ 2024 से सम्मानित किया गया। नीदरलैंड्स के प्रीमियम इरास्मियानम फाउंडेशन द्वारा 67 वर्षीय घोष को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

  • नवंबर में, अमिताव घोष नीदरलैंड में व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार प्राप्त करेंगे।

'अकल्पनीय की कल्पना' विषय पर भावुक योगदान का सम्मान: 

  • घोष को लेखन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के वैश्विक संकट को सामने लाने और 'अकल्पनीय की कल्पना' विषय पर उनके भावुक योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला है।
  • फाउंडेशन ने पुरस्कार के दौरान कहा कि घोष ने यह दिखाने के लिए अपनी कलम का इस्तेमाल किया कि जलवायु संकट एक सांस्कृतिक संकट है जो कल्पना की कमी का परिणाम है।

इरास्मस पुरस्कार के बारे में: 

  • नीदरलैंड के प्रिंस बर्नहार्ड ने 1958 में प्रीमियम इरास्मियानम की स्थापना की थी। 
  • यह पुरस्कार मानविकी, सामाजिक विज्ञान और कला के क्षेत्र में सक्रिय एक सांस्कृतिक संस्था प्रीमियम इरास्मियानम द्वारा स्थापित किया गया है।
  • यह उन व्यक्तियों या संस्थानों के लिए एक विशिष्ट पुरस्कार है, जिन्होंने यूरोप और उसके बाहर संस्कृति या विद्वता में असाधारण योगदान दिया है।
  • पुरस्कार में प्रोत्साहन राशि के रूप में 150,000 यूरो की राशि दी जाती है। साथ में ब्रूनो निनाबर वैन आइबेन द्वारा डिजाइन किए गए अलंकरण भी दिया जाता है। 
  • फाउंडेशन के संरक्षक एक समारोह के दौरान पुरस्कार प्रदान करते हैं। जो सामान्यतः एम्स्टर्डम के रॉयल पैलेस में होता है।
  • पिछले वर्ष 2023 में यह पुरस्कार दक्षिण अफ़्रीकी हास्य अभिनेता ‘ट्रेवर नोआ’ को मिला था। पिछले प्राप्तकर्ताओं में अमेरिकी पत्रकार और लेखक बारबरा एहरनेरिच (2018), लेखक एएस बयाट (2016) और 1965 में चार्ल्स चैपलिन और इंगमार बर्गमैन शामिल हैं।

अमिताव घोष के बारे में: 

  • 1956 में कोलकाता में जन्में घोष ने ऑक्सफोर्ड में सामाजिक मानवविज्ञान का अध्ययन किया। घोष ने अपना समय भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में बिताया। घोष ने अपने अभी तक के जीवन में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। जिसमें 2018 ज्ञानपीठ पुरस्कार, भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार भी शामिल है।
  • 2019 में उन्हें मास्ट्रिच विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
  • फॉरेन पॉलिसी पत्रिका ने उन्हें आधुनिक समय के सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक विचारकों में से एक के रूप में स्थान दिया।

अमिताव घोष की प्रमुख पुस्तकें: 

  • अमिताव घोष द नटमेग्स कर्स, द हंग्री टाइड, द ग्रेट डिरेंजमेंट जैसी बेस्टसेलर किताबों के लेखक हैं। साथ ही घोष की मुख्य रचनाओं में सी ऑफ पॉपीज़, रिवर ऑफ स्मोक और फ्लड ऑफ फायर प्रमुख हैं।

FAQ

Answer: अमिताव घोष

Answer: जलवायु परिवर्तन संकट को उजागर करने के लिए ‘इरास्मस पुरस्कार’ 2024 से सम्मानित किया गया।

Answer: नीदरलैंड के प्रीमियम इरास्मियानम फाउंडेशन
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