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Utkarsh Classes
Updated: 24 Jun 2025
3 Min Read

पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा, मिजोरम और गोवा के बाद पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाला भारत का तीसरा राज्य बन गया है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने राज्य की राजधानी अगरतला में आयोजित एक समारोह में यह घोषणा की। यह समारोह फाउंडेशनल और न्यूमेरेसी असेसमेंट परीक्षा में विभिन्न जिलों के सर्वोच्च अंक लाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था।
सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन का पुरस्कार उत्तरी त्रिपुरा जिले को दिया गया। सिपाहीजाला जिले ने जिलों में पहला स्थान हासिल किया, जबकि पश्चिमी त्रिपुरा और उनाकोटी जिलों ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया।
कालानुक्रमिक क्रम में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, मिजोरम और गोवा के बाद त्रिपुरा यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का चौथा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है।
सरकार द्वारा 1988 में शुरू किए गए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार कोई भी राज्य/संघ शासित प्रदेश (यूटी)को तभी पूर्ण साक्षर माना जाएगा अगर उनकी 90% से अधिक आबादी किसी भी भारतीय भाषा में पढ़, लिख सकती है और बुनियादी अंकगणित कर सकती है।
1991 में इस परिभाषा के तहत, केरल देश का पहला पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला पहला राज्य/यूटी बन गया था। 1991 की जनगणना के अनुसार केरल की साक्षरता 90.90 दर्ज की गई थी।
कार्यात्मक साक्षरता
यह कैसे तय होता है?
यह 1037.90 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली केंद्र सरकार की योजना है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 700 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 337.90 करोड़ रुपये है।
अवधि - 2022-2057
विशेषता
कार्यात्मक साक्षरता बुनियादी साक्षरता से कहीं अधिक व्यापक शब्द है।
बुनियादी साक्षरता- किसी व्यक्ति की पढ़ने, लिखने और सरल अंकगणित करने की क्षमता (3R)।
कोई व्यक्ति कार्यात्मक रूप से साक्षर है यदि:
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