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Updated: 11 Jul 2025
3 Min Read
असम सरकार ने राज्य के आठ सबसे ज़्यादा मानव-हाथी संघर्ष वाले ज़िलों में गज मित्र योजना के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी है। 10 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में असम मंत्रिमंडल की बैठक में गज मित्र योजना शुरू करने की मंज़ूरी ली गई।
मंत्रिमंडल ने 1 अक्टूबर 2025 से ग्राम प्रधानों का पारिश्रमिक 9000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह करने को भी मंज़ूरी दी।
राज्य के आठ सबसे ज़्यादा मानव-हाथी संघर्ष वाले ज़िले जहाँ इसे लागू किया जाएगा, वे हैं - ग्वालपाड़ा, बक्सा, उदलगुड़ी, सोंतीपुर, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट और विश्वनाथ।
इन ज़िलों के कई गाँवों में भोजन की तलाश में हाथियों का नियमित और लगातार आक्रमण देखा गया है। इसके परिणामस्वरूप मानव-हाथी संघर्ष होता है, जिससे संपत्ति का नुकसान, खड़ी फ़सलें को नुकसान और मनुष्यों और हाथियों की मौतें भी हुई हैं।।
गज मित्र योजना, भूमि और खाद्य संसाधनों पर मानव और हाथी के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण मानव-हाथी संघर्ष को दूर करने के लिए राज्य सरकार की एक पहल है।
ऐसे संघर्षों से निपटने के लिए असम सरकार ने गज मित्र योजना शुरू की है।
गज मित्र योजना स्वैच्छिक सामुदायिक भागीदारी, हाथियों के आवास को पुनर्स्थापित करने और हाथियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) कैमरे के उपयोग पर केंद्रित है।
गज मित्र योजना के तहत एक समुदाय आधारित सहायता प्रणाली स्थापित की जाएगी जो राज्य वन विभाग को मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में मदद करेगी।
प्रभावित गाँव के आठ सदस्यों की एक टीम बनाई जाएगी और उन्हें हाथियों के व्यवहार की समझ बढ़ाने, संभावित मुठभेड़ों के लिए सामुदायिक तैयारी बढ़ाने और फसलों के लिए सुरक्षात्मक उपाय विकसित करने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्हें धान की खेती के समय, जब मानव-हाथी संघर्ष अपने चरम पर होता है, छह महीने की अवधि के लिए 80 चिन्हित स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
राज्य वन विभाग ने उन सभी वन क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित कैमरे भी लगाए हैं जहाँ हाथी अक्सर आते हैं।
कैमरा हाथियों की गतिविधियों का पता लगाता है और आस-पास के गाँवों को वास्तविक समय में अलर्ट करता है।
समय पर जानकारी मिलने के कारण ग्रामीण उचित उपाय कर मानव-हाथी के बीच के संपर्क को कम से कम हो या न के बराबर, कर सकते हैं
भोजन की तलाश में हाथी मनुष्यों की खड़ी फसलों पर हमला कर उसे नष्ट कर देते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, राज्य सरकार गज मित्र के तहत हाथियों के पारंपरिक आवास को पुनर्स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
पारिस्थितिक संतुलन बहाल करने और हाथियों के लिए भोजन का स्रोत प्रदान करने हेतु जंगलों में अधिक पेड़ लगाए जाएँगे।
इससे हाथियों के प्रवास मार्गों को बहाल करने में भी मदद मिलेगी और हाथियों को मानव बस्तियों पर अतिक्रमण करने की आवश्यकता से भी बचाया जा सकेगा।
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