केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने गुजरात के वापी में ज्ञानधाम स्कूल में 12 जीएसटी सेवा केंद्रों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने छह व्यक्तियों को पुरस्कार भी प्रदान किये। जिनमें मेरा बिल मेरा अधिकार योजना में भाग लेने वाले व्यक्तियों को दिए जाने वाले पुरुस्कारों में 10 लाख रुपये की नकद राशि भी शामिल थी। पूरी खरीदारी करने के बाद, विजेताओं ने अपने वैध बिल, जीएसटी चालान ऐप पर अपलोड किए।
जीएसटी सेवा केंद्र
- भारत सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) संबंधी चिंताओं से जूझ रहे करदाताओं की मदद के लिए एक विशेष सेवा सुविधा के रूप में जीएसटी सेवा केंद्र की स्थापना की है।
- 12 जीएसटी सेवा केंद्र - अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, गोधरा, वापी, मेहसाणा, पालनपुर, गांधीनगर, राजकोट, भावनगर, जूनागढ़ और गांधीधाम में स्थापित किये जायेंगे।
मेरा बिल मेरा अधिकार योजना
- मेरा बिल मेरा अधिकार (एमबीएमए) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा 1 सितंबर, 2023 को शुरू की गई योजना है।
- इसका लक्ष्य बिक्री और खरीद के दौरान बिल/चालान बनाने की प्रथा को बढ़ावा देना है।
- मेरा बिल मेरा अधिकार योजना ग्राहकों को जीएसटी-अनुरूप बिल मांगने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए, उपयोगकर्ताओं या खरीदारों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकृत विक्रेताओं द्वारा जारी बिल, वेबसाइट या एप पर अपलोड करना होता है।
- ₹1 करोड़ रुपये, ₹10 लाख रूपये और 10,000 रुपये की तीन अलग-अलग श्रेणियों में उपभोक्ता, प्रोत्साहन राशि जीत सकते हैं। ये पुरस्कार मासिक और त्रैमासिक रूप से पारदर्शी प्रक्रिया के साथ प्रदान किए जाते हैं।
- अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्राहकों को जारी किए गए सभी बिल इस योजना में भाग लेने के लिए पात्र होंगे।
जीएसटी क्या है?
- जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एक मूल्य वर्धित कर है जो घरेलू उपभोग के लिए बेचे जाने वाले अधिकांश उत्पादों और सेवाओं पर लागू होता है।
- यह एक गंतव्य-आधारित कराधान प्रणाली के साथ-साथ एक राष्ट्रीय स्तर का अप्रत्यक्ष कर भी है।
- जीएसटी विधेयक को भारत में केंद्र सरकार द्वारा 2014 में संविधान (122वें संशोधन) विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
- इसे 2016 में पारित किया गया और इसे संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016 के रूप में संविधान में शामिल किया गया।
जीएसटी के प्रकार
- भारत सरकार ने भारत की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किया है।
- भारत की जटिल कर व्यवस्था को सरलता प्रदान करने के लिए सरकार ने जीएसटी के तीन रूप लागू किए, जिसका वर्णन नीचे दिया गया है-
- केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी): केंद्र सरकार अंतर-राज्य बिक्री पर सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) संग्रह करती है।
- राज्य जीएसटी (एसजीएसटी): राज्य सरकार अंतर-राज्य बिक्री पर राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) एकत्र करती है।
- एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी): केंद्र सभी अंतर-राज्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) लगाता है और उसका संग्रह और प्रबंधन करता है।
- केंद्र शासित प्रदेश (यूटीजीएसटी): केंद्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा लगाया जाता है।
जीएसटी परिषद
- जीएसटी परिषद, केंद्र-राज्यों का एक साझा मंच है जो संघ और राज्यों को जीएसटी से सबंधित सिफारिशें प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 279ए - राष्ट्रपति को जीएसटी के प्रशासन और नियंत्रण के लिए एक जीएसटी परिषद की स्थापना करने की जिम्मेदारी देता है।
- इसके अध्यक्ष भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री होंगे, और इसके सदस्य राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चुने गए मंत्री या मुख्यमंत्री होंगे।
- परिषद की संरचना इस प्रकार है कि केंद्र के पास एक तिहाई मतदान शक्ति और राज्यों के पास दो तिहाई मतदान शक्ति होगी।
- जीएसटी परिषद के निर्णय तीन चौथाई बहुमत से लिये जाते हैं।
जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण
- जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण एक अर्ध-न्यायिक संगठन है जिसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए गठित किया गया है।
- यह एक स्वतंत्र निकाय के रूप में जीएसटी अधिकारियों या अपीलीय प्राधिकरण द्वारा जारी आदेशों के खिलाफ चुनौतियों इत्यादि पर विचार करेगा।
जीएसटी की विशेषताएं
- भारत ने दोहरी-जीएसटी प्रणाली लागू की है जिसके दो घटक हैं: केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी)।
- जीएसटी वस्तु एवं सेवा कर का संक्षिप्त रूप है, जो एक मूल्य वर्धित कर है।
- किसी भी निर्माण प्रक्रिया में शामिल वस्तुओं और सेवाओं की बजाय अंतिम उत्पादित वस्तु या सेवा पर जीएसटी लगाया जाएगा।
- राष्ट्रीय और राज्य जीएसटी की दरों पर केंद्र और राज्य सहमत होंगे।
- वस्तुओं और सेवाओं के आयात को अंतर-राज्य वाणिज्य माना जाता है इसीलिए यह आईजीएसटी और किसी भी संबंधित सीमा शुल्क के अधीन होंगे।
- कुछेक उत्पादों को जीएसटी से छूट प्रदान की गई है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के बारे में
- केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग का एक प्रभाग है।
- यह सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर जैसे अप्रत्यक्ष करों को लगाने और एकत्र करने के लिए नीति निर्माण करने का प्रभारी संगठन है।