राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई (बी आर गवई) को भारत का 52वां मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किया है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भारत का मुख्य न्यायाधीश (सी जेआई) कहा जाता है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई, जो वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं, 14 मई, 2025 को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। वह न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लेंगे, जो 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायमूर्ति बी आर गवई को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्त किए जाने की जानकारी केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 29 अप्रैल 2025 को एक सोशल मीडिया पोस्ट में साझा की।
संविधान के अनुच्छेद 124 का खंड 2 भारत के राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करने की शक्ति प्रदान करता है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए एक प्रक्रिया का पालन किया जाता है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उसके न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया ज्ञापन जारी किया है।
प्रक्रिया
सीजेआई सहित सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है। जस्टिस गवई 23 नवंबर 2025 को 65 वर्ष के हो जाएंगे।
वे 23 नवंबर 2025 को अपना पद छोड़ देंगे।
न्यायमूर्ति बीआर गवई , न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन के बाद सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे दलित हैं।
न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन भारत के 37वें मुख्य न्यायाधीश थे और उन्होंने 14 जनवरी 2007 से 12 मई 2010 तक इस पद पर कार्य किया।
न्यायमूर्ति बीआर गवई ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया।
उन्हें 2003 में राष्ट्रपति द्वारा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और नवंबर 2005 में उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
राष्ट्रपति ने उन्हें 24 मई, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया।
भारत का सर्वोच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 124 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।
यह भारत का सर्वोच्च न्यायिक निकाय है
यह 28 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया।
इसकी पीठ नई दिल्ली में है, लेकिन भारत के राष्ट्रपति की अनुमति से सर्वोच्च न्यायालय की पीठ, भारत में कहीं भी बैठ सकता है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय में अधिकतम न्यायाधीश 34 हैं।
भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश - न्यायमूर्ति हरिलाल जेकिसुंदस कानिया
सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सीजेआई - 16वें सीजेआई न्यायमूर्ति यशवंत विष्णु चंद्रचूड़। उन्होंने 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
सबसे छोटा कार्यकाल - भारत के 22वें सीजेआई , न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह। वे 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक पद पर रहे। (18 दिन)
सर्वोच्च न्यायालय में प्रयुक्त भाषा- सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाही में केवल अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता है।