केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने 27 जुलाई 2023 को प्रदेश की राजधानी श्रीनगर में आयोजित सूफीवाद पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू और कश्मीर संतों और सूफियों की भूमि है, जो सभी आध्यात्मिक और धार्मिक धाराओं द्वारा पूजनीय हैं।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी के सहयोग से श्रीनगर के क्लस्टर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता की।
'सूफ़ी' शब्द अरबी शब्द 'सुफ़' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'जो ऊन पहनता हो'। पहले सूफी संत ऊन से बने कपड़े पहनते थे।
सूफीवाद ईश्वर की आध्यात्मिक खोज पर ध्यान केंद्रित करता है और भौतिकवाद से दूर रहता है।
इसका विकास सबसे पहले इराक में हुआ था ।
प्रथम सूफी संत इराक की बेगम राबिया थीं ।
सूफियों को 12 भागों में विभाजित किया गया था जैसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, फरिउद्दीन गंज-ए-शकर, निज़ाम-उद-दीन औलिया आदि।
चिश्ती - इसकी स्थापना शेख अब्दुल चिश्ती ने की थी।
सुहरावर्दी - इसकी स्थापना शिहाबुद्दीन शुहरावर्दी ने की थी।
फिरादोशिया - इसकी स्थापना शराफुद्दीन ने की थी।
क़ादरी - इसकी स्थापना शेख जिलानी कादरी ने की थी।
नक्शबंदी - इसकी स्थापना शेख बिकाबुल्लाह ने की थी।
महत्वपूर्ण शब्द |
अर्थ |
उदाहरण |
शृंखला |
सूफी आदेश |
चिश्ती, सुहरावर्दी, आदि। |
दरगाह |
सूफी संत की कब्र |
अजमेर शरीफ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्त की कब्र है। |
खानकाह |
पीर(मास्टर) का निवास |
लकड़ी की संरचना |