भारत सरकार ने डिजिटल आधारित डेटा संग्रह के लिए व्यास-एनएवी नामक मोबाइल एप्लीकेशन को शुरू करके 5वीं समुद्री जनगणना का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया। इस मोबाइल एप्लीकेशन को 28 अप्रैल 2025 को मुंबई में आयोजित तटीय राज्य मत्स्य पालन सम्मेलन 2025 के दौरान शुभारंभ किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने की। देश में पिछली समुद्री जनगणना 2016 में की गई थी।
व्यास-एनएवी मोबाइल ऐप और डिजिटल जनगणना के बारे में
व्यास-एनएवी (विलेज जेटी अप्रेजल नेवीगेटर) ऐप को आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई), कोच्चि, केरल द्वारा विकसित किया गया है।
जनगणना पर्यवेक्षक मछली पकड़ने वाले गांवों, मछली लैंडिंग केंद्रों और मछली पकड़ने के बंदरगाहों के क्षेत्र सत्यापन के लिए व्यास-एनएवी ऐप का उपयोग करेंगे।
जनगणना की मुख्य विशेषताएं
- 5वीं समुद्री जनगणना एक डिजिटल, भू-संदर्भित, ऐप-आधारित प्रणाली होगी।
- जनगणना प्रगणकों को व्यास-एनएवी ऐप के साथ पहले से इंस्टॉल किए गए टैबलेट दिए जाएंगे।
- जनगणना प्रगणक ऐप के माध्यम से डिजिटल प्रारूप में जनगणना संबंधित आंकड़े भरेंगे।
- यह जनगणना संबंधित आंकड़े के संग्रह और सारणीकरण में त्रुटि को समाप्त या न्यूनतम करेगा।
- इससे डेटा संग्रह में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी।
5वीं समुद्री जनगणना की विशेषताएँ
- यह जनगणना अप्रैल से दिसंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी।
- इसमें समुद्री मछली पकड़ने वाले गाँव, समुद्री मछली लैंडिंग केंद्र और 9 तटीय राज्यों के 12 लाख परिवार शामिल होंगे।
- इस जनगणना में मत्स्य पालन करने वाले परिवारों के बारे में जनसांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक डेटा एकत्र किया जाएगा।
- इस जनगणना में मछुआरों, मछली पकड़ने वाले गाँवों और मछली पकड़ने के बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे के अलावा अन्य चीज़ों का भी दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
5वीं समुद्री जनगणना में कौन-कौन सी एजेंसियाँ शामिल हैं?
- 5वीं समुद्री जनगणना का समन्वय केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
- केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) नौ तटीय राज्यों: गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में समुद्री मत्स्य पालन जनगणना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है।
- जनगणना गणक सीएमएफआरआई, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण और नौ तटीय राज्यों के मत्स्य पालन विभागों से हैं।
भारत में समुद्री जनगणना
- पहली: इसे 1948-49 में सीएमएफ़आरआई द्वारा आयोजित किया गया था।
- दूसरी: - इसे 1980 में सीएमएफ़आरआई द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें महाराष्ट्र को छोड़कर सभी तटीय राज्य शामिल थे। महाराष्ट्र में, जनगणना 1979 में राज्य सरकार द्वारा आयोजित की गई थी।
- तीसरी: इसे 2005 में भारत सरकार के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (डीएएचडीएफ़) के सहयोग से सीएमएफ़आरआई द्वारा आयोजित किया गया था। इसे सभी समुद्री राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया गया था।
- चौथी: इसे 2010 में सीएमएफ़आरआई और डीएएचडीएफ़ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इसमें सभी नौ तटीय राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेश शामिल थे।
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