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अमेरिकी विशेष 301 रिपोर्ट 2025: भारत को प्राथमिकता निगरानी सूची में बरकरार रखा गया

Utkarsh Classes Last Updated 30-04-2025
US Special 301 Report 2025 : India retained in Priority Watch list Report 4 min read

अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं पर बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों की पर्याप्त और प्रभावी सुरक्षा और प्रवर्तन प्रदान करने में विफल रहने के कारण, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को 2025 विशेष 301 सूची की प्राथमिकता निगरानी सूची वाले देश के श्रेणी में बरकरार रखा है। भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के 26 व्यापारिक साझेदारों की पहचान चिंता के देशों के रूप में की गई थी, जहां अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं के बौद्धिक संपदा अधिकारों की अपर्याप्त सुरक्षा थी।

विशेष 301 रिपोर्ट के बारे में

1974 के व्यापार अधिनियम के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (यूएसटीआर) को दुनिया में अमेरिकी वस्तुओं पर बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण की स्थिति पर संयुक्त राज्य कांग्रेस (संसद) के लिए एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी होती है।

यूएसटीआर, व्यापार भागीदार देश को प्राथमिकता निगरानी सूची या निगरानी सूची में डालता है। जिन देशों में यूएसटीआर को लगता है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन हो रहा है, उन्हें प्राथमिकता निगरानी सूची में डाल दिया जाता है।

व्यापार अधिनियम 1974 की धारा 301 के तहत यूएसटीआर उन देशों की जांच करता है जिन्हें प्राथमिकता निगरानी सूची और निगरानी सूची में शामिल किया गया है।

भारत को प्राथमिकता निगरानी सूची में क्यों रखा गया? 

विशेष 301 रिपोर्ट के अनुसार भारत के साथ निम्नलिखित चिंताएँ थीं: 

  • भारतीय पेटेंट अधिनियम के तहत अमेरिकी कंपनियों को दिए गए पेटेंट निरस्तीकरण का संभावित खतरा, 
  • लंबी प्रतीक्षा अवधि के साथ वस्तुओं और सेवाओं पर पेटेंट देने में देरी,
  • सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों, सौर ऊर्जा उपकरण, चिकित्सा उपकरणों आदि जैसे आईपी  गहन उत्पादों पर भारत द्वारा उच्च सीमा शुल्क लगाना,
  • भारत के कानून प्रवर्तन द्वारा आईपी का कमजोर प्रवर्तन, आईपी -विशिष्ट जांच तकनीकों से परिचित न होना और , भारत की कई राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय का अभाव

भारत के विशेष 301 में होने के संभावित परिणाम

  • यदि भारत अमेरिकी चिंता को दूर करने के लिए कदम नहीं उठाता है तो संयुक्त राज्य अमरीका की सरकार भारत की वस्तुओं और सेवाओं पर उच्च शुल्क लगा सकती है , भारतीय व्यापार प्रथाओं की गहन जांच कर सकती है  और भारत के खिलाफ जवाबी कदम उठा सकती है।
  • यह भारत को उसके कथित अनुचित आईपी संबंधी व्यवहारों के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) विवाद निपटान तंत्र में ले जा सकता है।

2025 विशेष 301 सूची में शामिल देश

वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के 26 व्यापारिक साझेदारों को विशेष 301 सूची में रखा गया है।

  • प्राथमिकता निगरानी सूची के अंतर्गत आने वाले देश हैं - चीन, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, अर्जेंटीना, चिली, रूस, वेनेजुएला।
  • निगरानी सूची के अंतर्गत आने वाले देश - अल्जीरिया, मिस्र, बारबाडोस, बेलारूस, पैराग्वे, तुर्की, बोलीविया, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, कोलंबिया, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, पाकिस्तान, पेरू, थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो और वियतनाम।

FAQ

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका। यह सालाना रिपोर्ट संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के कार्यालय द्वारा जारी की जाती है।

उत्तर: प्राथमिकता निगरानी सूची। सूची में 9 देश हैं- चीन, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, अर्जेंटीना, चिली, रूस, वेनेजुएला।

उत्तर: भारत सहित 26 देश
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