प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आठ पूर्वोत्तर राज्यों की व्यापार और निवेश क्षमता को प्रदर्शित करना और इन राज्यों में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करना है।
राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 23 और 24 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग शामिल हुए।
चूंकि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन है, इसलिए इसका प्रतिनिधित्व राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के मुख्य बिंदु
- इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ईस्ट का मतलब है एम्पॉवेर (सशक्त बनाना),एक्ट( कार्य करना), स्ट्रेंग्थेन (मजबूत बनाना) और ट्रांसफॉर्म (बदलाव लाना)।
- उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर एक समृद्ध जैव-अर्थव्यवस्था और बांस उद्योग, चाय उत्पादन और पेट्रोलियम, खेल और कौशल तथा इको-पर्यटन के लिए एक उभरता हुआ केंद्र है।
- उन्होंने हाल के दिनों में क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास में किए गए बड़े निवेश पर प्रकाश डाला- अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग, असम में लोहित नदी पर भूपेन हजारिका पुल, 11,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण, व्यापक नई रेलवे लाइनें, उद्योगों के लिए एक विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1,600 किलोमीटर लंबी पूर्वोत्तर गैस ग्रिड की स्थापना।
राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 के आयोजक
- राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा किया गया है।
राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्देश्य
- संभावित निवेशकों को क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के लाभ, प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और कुशल कार्यबल के बारे में जागरूक करना।
- इसका उद्देश्य निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करके मिलने वाले अवसरों पर प्रकाश डालना है, जिसमे उन्हें आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ) और बीबीएन (बांग्लादेश, भूटान, नेपाल) के बाजारों तक आसान पहुँच प्राप्त होगी।
- इस क्षेत्र को विनिर्माण और सेवा केंद्र में बदलना।
भारत के पूर्वोत्तर राज्य
- शुरू में, सात राज्य- असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश- पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा माने जाते थे और सात बहनों के राज्य के रूप में प्रसिद्ध थे।
- हालाँकि, 2002 में सिक्किम को आधिकारिक तौर पर पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा बना दिया गया, और अब इसमे आठ राज्य शामिल हैं।