भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार को 2,68,590.07 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश मंजूर किया है। 23 मई 2025 को मुंबई में आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 616वीं बैठक में लाभांश को मंजूरी दी गई।
पिछले साल आरबीआई ने केंद्र सरकार को लाभांश के तौर पर 2.1 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।
मुंबई में हुए इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। इस बैठक में आरबीआई के चार डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव, टी. रबी शंकर, स्वामीनाथन जे और डॉ. पूनम गुप्ता ने भाग लिया।
बैठक में बोर्ड के अन्य सदस्य - अजय सेठ, सचिव, आर्थिक मामले विभाग; नागराजू मद्दिराला, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग; सतीश के. मराठे; रेवती अय्यर; प्रो. सचिन चतुर्वेदी; पंकज रमनभाई पटेल; और डॉ. रवींद्र एच. ढोलकिया भी उपस्थित थे।
भारत सरकार,आरबीआई की 100% मालिक है, और हर वित्तीय वर्ष के अंत में, आरबीआई अपने अधिशेष को लाभांश के रूप में केंद्र सरकार को हस्तांतरित करता है।
आरबीआई ,अगस्त 2019 में अपनाए गए “आर्थिक पूंजी ढांचे” नियम के आधार पर लाभांश की राशि तय करता है।
आरबीआई ने “आरबीआई के मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा करने के लिए विशेषज्ञ समिति” की सिफारिश पर इस आर्थिक पूंजी ढांचे को अपनाया है।इस समिति की अध्यक्षता आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने थी।
भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 में एक केंद्रीय निदेशक मंडल का प्रावधान है।
केंद्रीय निदेशक मंडल, आरबीआई का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है और इसके सामान्य पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार है।
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