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Utkarsh Classes
Updated: 28 Mar 2025
3 Min Read

2023 से हर साल 28 मार्च को दुनिया भर में सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन बहुभाषी और समावेशी इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जहाँ सभी वैध डोमेन नाम और ईमेल पते निर्बाध रूप से काम करते हैं।
सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस यह सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है कि वैध डोमेन नाम और ईमेल पते, लिपि, भाषा या अक्षर की लंबाई की परवाह किए बिना, सभी इंटरनेट-सक्षम अनुप्रयोगों, उपकरणों और प्रणालियों द्वारा समान रूप से उपयोग किए जा सकें।
सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस की स्थापना इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएनएन) द्वारा सार्वभौमिक स्वीकृति संचालन समूह (यूएएसजी) के सहयोग से की गई थी।
पहला सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस 28 मार्च 2023 को मनाया गया था और तब से हर साल मनाया जाता है।
वर्ष 2025 के सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस का विषय है, असंबद्ध को जोड़ना - विकसित भारत के लिए बहुभाषी इंटरनेट का निर्माण करना।
तीसरा सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस 2025 समारोह 28 मार्च 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
इसका आयोजन नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था।
इसका उद्घाटन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस कृष्णन ने किया।
इस अवसर पर बोलते हुए एस कृष्णन ने कहा कि डिजिटल फर्स्ट और डिजिटल ओनली के युग में भारत जैसे बहुभाषी देश में भाषाएं बाधा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत शुरू की गई सरकार की भाषानी पहल पर प्रकाश डाला।
भासिनी
भासिनी या भारत के लिए भाषा इंटरफेस का उद्देश्य भारत के भाषाई स्पेक्ट्रम में डिजिटल सामग्री और सेवाओं तक सभी लोगों की पहुंच को संभव बनाना है।
यह एक सॉफ्टवेयर है जो एक भाषा से दूसरी भाषा में सहज अनुवाद को सक्षम बनाता है और लोगों को अपनी पसंद की भाषा में सेवाओं तक पहुँचने में सक्षम बनाता है।
आईसीएएनएन (इंटरनेट कॉर्पोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1998 में हुई थी।
यह वैश्विक डोमेन नाम प्रणाली (डीएनएस) का प्रबंधन करता है। यह इंटरनेट नाम और संख्याएँ, विशेष रूप से वेबसाइट डोमेन नाम औरआईपी पते प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदार है।
यह डोमेन नामों के वैश्विक समन्वय के लिए नीतियाँ विकसित करने के लिए ज़िम्मेदार है, यह सुनिश्चित करता है कि डोमेन नामों को सौंपे गए IP पते अद्वितीय और सुलभ हों।
इसका उद्देश्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को डोमेन नामों, इंटरनेट प्रोटोकॉल पहचानकर्ताओं और रूट सर्वरों का सुचारू, स्थिर और सुरक्षित संचालन प्रदान करना है।
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