राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी तीन अफ्रीकी देशों की आधिकारिक यात्रा के हिस्से के रूप में 17 अक्टूबर 2024 को मलावी पहुंचीं। राष्ट्रपति द्रौपदी 13-19 अक्टूबर 2024 तक अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की तीन देशों की आधिकारिक यात्रा पर थीं। उन्होंने पहले अल्जीरिया (13-15 अक्टूबर),फिर मॉरिटानिया (16 अक्टूबर) और अंत में मलावी का दौरा किया।
राष्ट्रपति मुर्मू को अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी का दौरा करने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति होने का गौरव भी प्राप्त है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17-19 अक्टूबर 2024 तक मलावी का दौरा किया। 17 अक्टूबर 2024 को मलावीआगमन पर, मलावी के उपराष्ट्रपति माइकल उसी ने कामुज़ू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, लिलोंग्वे पर उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मलावी के राष्ट्रपति डॉ. लाजरस मैक्कार्थी चकवेरा के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बीच चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौता ज्ञापन हैं;
राष्ट्रपति मुर्मू ने मलावी की राजधानी लिलोंग्वे में आयोजित भारत-मलावी व्यापार बैठक को भी संबोधित किया।
उन्होंने मलावी के पहले राष्ट्रपति डॉ. हेस्टिंग्स कामुज़ु बंदा की समाधि पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुमू ने मलावी को एक स्थायी कृत्रिम अंग फिटमेंट सेंटर (जयपुर फुट) स्थापित करने में मदद करने की घोषणा की। इससे पहले, भारत सरकार ने अपनी 'मानवता के लिए भारत' पहल के तहत, लिलोंग्वे में कामुज़ु सेंट्रल अस्पताल में एक कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर स्थापित किया है । इसका उद्घाटन 2018 में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया था।
भारत सरकार द्वारा मानवीय सहायता के रूप में 1000 मीट्रिक टन चावल, जो मलावी को प्रदान किया गया है,उसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुमू के सामने प्रतीकात्मक रूप से मलावी सरकार को सौंपा गया।
भारत सरकार द्वारा उपहार में दी गई भाभाट्रॉन कैंसर उपचार मशीन को भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुमू के सामने प्रतीकात्मक रूप से मलावी सरकार को सौंपा गया।
भारत और मलावी के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और भारत, मलावी को महत्वपूर्ण अनुदान और सहायता प्रदान करता है।
1964 में ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत ने 1964 में मलावी के साथ अपने कूटनीतिक संबंध स्थापित किए।
मलावी में भारतीय उच्चायोग को 1993 में बंद कर दिया गया था लेकिन इसे फिर 2012 में फिर से खोल दिया गया।
मलावी भारत को दालों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। 2021 में, भारत ने अगले पांच वर्षों के लिए प्रति वर्ष 50,000 टन अरहर दाल आयात करने के लिए मलावी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे ।
500 मिलियन डॉलर से अधिक के निवेश के साथ भारत भी मलावी में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है।
भारतीय मूल के लगभग 8,500 लोग जो मुख्य रूप से गुजरात से हैं , मलावी में रहते हैं।
राष्ट्रपति की अल्जीरिया यात्रा
राष्ट्रपति की मॉरिटानिया यात्रा
मलावी के बारे में
मलावी दक्षिणपूर्वी अफ़्रीका में एक ज़मीन से घिरा देश है।यह तंजानिया, मोज़ाम्बिक और ज़ाम्बिया से घिरा हुआ देश है।
मलावी झील, जिसे न्यासा झील के नाम से भी जाना जाता है, मलावी के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग पांचवां हिस्सा है।
मुद्रा: मलावी क्वाचा
राजधानी: लिलोंग्वे
राष्ट्रपति: डॉ लाजर मैक्कार्थी चकवेरा