पीएम मोदी ने पहली ऑटो इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का किया शुभारंभ
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Transport
5 min read
ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी ने गुजरात के हांसलपुर प्लांट में भारत का पहला इन प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट आरंभ किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया।
सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की सहायक कम्पनी है। मारुति ने इस पर कुल 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।
क्या होगा लाभ?
इस प्लांट के चालू होने से मारुति-सुजुकी अब सड़क के बजाय ट्रेन के द्वारा अपनी कारें देश के विभिन्न भागों में भेज सकेगी। जबकि पोर्ट के जरिए विभिन्न देशों में भेज सकेगी।
गुजरात के हांसलपुर प्लांट से सालाना 3 लाख कारें अब मालगाड़ी के माध्यम से सप्लाई की जा सकेगी। इस प्लांट का सालाना उत्पादन क्षमता 7.50 लाख यूनिट है।
इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर पड़ने वाले दबाव में कमी आएगी। क्योंकि एक ट्रक औसतन 1,600 किमी की यात्रा करता है, और एक ट्रेन 40 ट्रकों के बराबर का माल परिवाहित करती है।
इन प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट का उद्देश्य:
'गति शक्ति' कार्यक्रम के तहत इस योजना का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन में कमी
जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को कम करना
सड़क पर भीड़भाड़ को कम करना
परियोजना की कुल लागत:
यह परियोजना, 976 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई है। इसे गुजरात सरकार, भारतीय रेलवे और एमएसआईएल के साथ साझेदारी में केंद्र सरकार के पीएम गति शक्ति मिशन के तहत विकसित किया गया है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती के अनुसार, गति शक्ति कार्यक्रम लॉजिस्टिक ऑपरेशन में बदलाव की क्षमता से युक्त है।
इन्हें फैक्ट्रियों से दूर रेलों तक और फिर भारत के विभिन्न शहरों तक और बाद में जहाजों तक ले जाया जा सकेगा।
यह भारत में पहली बार है कि किसी ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए इन-प्लांट रेलवे साइडिंग की शुरुआत हुई है। यह गति शक्ति कार्यक्रम की उत्कृष्टता है।
यह परियोजना एमएसआईएल के लिए वार्षिक 50,000 ट्रक यात्राओं को कम कर देगी।
परियोजना 50,000 ट्रक यात्राओं, प्रति वर्ष ट्रकों में उपयोग होने वाले 35 मिलियन लीटर ईंधन को बचाएगी और 1,650 टन प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन में कटौती करेगी।
लॉजिस्टिक्स में नवोन्मेषी प्रयोग कार्बन उत्सर्जन को कम करने का एक अच्छा तरीका है, जो देश को कार्बन तटस्थता प्राप्त करने में सहायक होगा।
रेलवे साइडिंग की क्षमता:
रेलवे साइडिंग में प्रति वर्ष 3,00,000 कारों को भेजने की क्षमता है। इसमें वर्तमान में 800 कारों की पार्किंग क्षमता है, जिसे 3,000 कारों तक बढ़ाया जाएगा।
फरवरी 2024 तक मारुति सुजुकी ने करीब 18 लाख कारें रेलवे के माध्यम से भेजी हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान फरवरी तक रेलवे द्वारा 4.09 लाख कारें भेजी गई हैं।
परियोजना की समयसीमा:
जी-राइड ने मार्च 2017 में इसकी औपचारिक मंजूरी दी थी। जिसके बाद कंपनी के आंतरिक बोर्ड ने जनवरी 2019 में इसे मंजूरी दे दी और मई 2020 में निर्माण शुरू हुआ।
पीएम मोदी का डीएफसी ऑपरेशन कंट्रोल का दौरा:
12 मार्च 2024 को गुजरात दौरे पर आए पीएम मोदी ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) ऑपरेशन कंट्रोल का भी दौरा किया।
बाद में गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती क्षेत्र से 10 नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
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