फिलीपींस को भारत से मिला ब्रह्मोस मिसाइल : 2022 में हुआ था $375 मिलियन का सौदा
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
5 min read
भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की आपूर्ति आरंभ कर दी है। इसके तहत भारत ने 19 अप्रैल 2024 को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों का पहला सेट फिलीपींस रवाना कर दिया है।
2022 में इस हथियार प्रणाली को लेकर सौदा हुआ था:
भारत और फिलीपींस के बीच 2022 में इस हथियार प्रणाली को लेकर 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा हुआ था।
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने इन मिसाइलों के साथ अपना C-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान फिलीपींस भेज दिया है। आईएएफ, इन मिसाइलों को फिलीपींस मरीन कॉर्प्स को सौंप दिया है।
इन हथियार प्रणालियों को समुद्री मार्ग से भी पहुंचाया गया था, जहां मालवाहक जहाजों को किराए पर लिया गया था। मिसाइलों के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के लिए जमीनी प्रणाली का निर्यात पिछले महीने ही शुरू हो गया था।
इसके अलावा भारत, फिलीपींस को मिसाइल का संचालन करने की भी ट्रेनिंग देगा।
चीन के साथ बढ़ते तनाव के दौरान फिलीपींस को मिला ब्रह्मोस:
फिलीपींस को यह मिसाइल प्रणाली ऐसे समय में मिल रही है, जब दक्षिण चीन सागर में लगातार होने वाली झड़पों के कारण उसका चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है।
ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की तीन बैटरियों को फिलीपींस अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात करेगा, ताकि इस क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाव किया जा सके।
मिसाइल कार्यक्रम के भागीदार देशों से कई अनुमदनों के बाद इस सौदे को मंजूरी दी गई। डीआरडीओ और रूसी संघ के एनपीओ माशिनोस्ट्रोयेनिया के बीच संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के बारे में:
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की स्पीड (स्पीड 2.8 मैक) काफी तेज है और इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है।
इस मिसाइल की खास बात ये है कि इसे पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।
एक खास बात इस मिसाइल में यह भी है कि यह हवा में अपना रास्ता भी बदल सकती है, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
फिलीपींस को सौंपी गई मिसाइल की स्पीड ध्वनि की गति से 2.8 गुना ज्यादा है।
ब्रह्मोस के हर एक सिस्टम में दो मिसाइल लॉन्चर, एक रडार और एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर होता है। इसके जरिए सबमरीन, शिप, एयक्राफ्ट से दो ब्रह्मोस मिसाइलें 10 सेकेंड के अंदर दुश्मन पर दागी जा सकती है।
फिलीपींस के लिए क्यों आवश्यक है ब्रह्मोस मिसाइलें?
फिलीपींस का चीन के साथ हाल ही में साउथ चाइना सी में कई बार झड़प हुई है। फिलीपींस इन मिसाइलों को दक्षिण चीन सागर में तैनात करेगा। इससे समुद्र में फिलीपींस की क्षमता बढ़ेगी और समुद्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को भी रोका जा सकेगा।
भारत को क्या होगा लाभ?
फिलीपींस के साथ यह डील भारत को रक्षा क्षेत्र में निर्यातक बनाने और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
इस डील से सैन्य उद्योग का भी मनोबल बढ़ेगा और दक्षिण पूर्व एशिया में भारत को भी एक बड़ा भरोसेमंद निर्यातक के रूप में देखा जाएगा।
इस डील से भारत-फिलीपींस के रिश्तों में मजबूती आएगी और चीन को दोनों देशों की एकजुटता का संदेश जायेगा। इससे दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने में मदद मिलेगी।
अर्जेंटीना-वियतनाम ने भी दिखाई ब्रह्मोस मिसाइल में रुची:
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के डायरेक्टर जनरल अतुल दिनाकर राणे ने जून 2023 में कहा था- अर्जेंटीना, वियतनाम सहित 12 देश ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को खरीदने में रुची दिखा चुके हैं।
बाहरी देशों में ब्रह्मोस की बढ़ती मांग बताती है कि यह मिसाइल सिस्टम काफी भरोसेमंद है।
FAQ
Answer: फिलीपींस
Answer: 2022
Answer: 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर
Answer: 2.8 मैक (फिलीपींस को सौंपी गई मिसाइल की स्पीड ध्वनि की गति से 2.8 गुना ज्यादा है।)
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