खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में, 59 देशों और क्षेत्रों में लगभग 282 मिलियन लोग गंभीर भूख से पीड़ित थे जो 2022 की तुलना में 24 मिलियन की वृद्धि दर्शाता है । भारत के तीन पड़ोसी देश, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान को गंभीर भूखों का सामना करने वाले शीर्ष दस देशों की सूची में स्थान मिला हैं।
तीव्र भूख की परिभाषा
- खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट गंभीर भूख को एक व्यक्ति की पर्याप्त भोजन पाने में असमर्थता के रूप में परिभाषित करती है, जिससे उनके जीवन या आजीविका को तत्काल खतरा होता है।
- गंभीर भूख ,दीर्घकालिक भूख से भिन्न होती है। दीर्घकालिक भूख तब होती है जब कोई व्यक्ति सामान्य, सक्रिय जीवनशैली बनाए रखने के लिए लंबे समय तक पर्याप्त भोजन का उपभोग करने में असमर्थ होता है।
खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट के बारे में
- खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट, खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क के लिए खाद्य सुरक्षा सूचना नेटवर्क द्वारा तैयार की गई एक वार्षिक रिपोर्ट है।
- खाद्य संकट पर पहली वैश्विक रिपोर्ट 2016 में प्रकाशित हुई थी।
- रिपोर्ट वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य संकट के पैमाने और परिमाण की एक व्यापक तस्वीर प्रदान करती है।
- खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क की स्थापना 2016 में यूरोपीय संघ, खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) , यूनिसेफ, संयुक्त राज्य अमेरिका, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व बैंक द्वारा की गई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य संकटों की व्यापकता और गंभीरता तथा उन्हें रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर विश्लेषण, साक्ष्य और आम सहमति में सुधार करना था।
2023 रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- 2023 में गंभीर भूख का सामना करने वाले लोगों की संख्या दो कारकों के कारण बढ़ी है । एक था खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाले क्षेत्रों के कवरेज में वृद्धि, और दूसरा था गाजा और सूडान में खाद्य सुरक्षा का बिगड़ना।
- पांच देशों में 705,000 से अधिक लोग चरण 5 में हैं, जो अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित भूख के पैमाने पर उच्चतम स्तर है। यह 2016 के बाद से सबसे ज्यादा संख्या है।
- स्तर 5 की भूख का सामना करने वाले 577,000 लोगों में से 80 प्रतिशत से अधिक लोग गाजा में थे।
- दक्षिण सूडान, बुर्किना फासो, सोमालिया और माली जैसे अफ्रीकी देशों पर भी अकाल का खतरा मंडरा रहा है।
- रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जुलाई 2024 तक गाजा में 1.1 मिलियन लोगों और दक्षिण सूडान में 79,000 लोगों को अकाल का सामना करना पड़ेगा।
- रिपोर्ट में इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि बच्चे और महिलाएं तीव्र भूख संकट के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं। 32 देशों में 5 वर्ष से कम उम्र के 36 मिलियन से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं।
- 2016 के बाद से छत्तीस देशों ने लगातार रिपोर्ट में अपनी जगह बनाई हुई है, जो इन देशों में वर्षों से जारी गंभीर भूख की समस्या को दर्शाता है। वर्तमान में दुनिया के 80 प्रतिशत सबसे भूखे लोग इन 36 देशों में पाये जाते हैं।
गंभीर भूख की समस्या के कारण
रिपोर्ट में निरंतर गंभीर खाद्य असुरक्षा के प्रमुख कारकों के रूप में इन देशों में व्याप्त संघर्ष और असुरक्षा, आर्थिक झटकों के प्रभाव और अल नीनो जैसी अन्य कई चरम मौसम की घटनाओं के प्रभावों की पहचान की गई है।
संघर्ष - गंभीर भूख की समस्या का मुख्य कारण था, जिससे लगभग 20 देशों के 135 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं । सूडान में सरकार और सशस्त्र समूहों के बीच लगातार संघर्ष के कारण 2022 की तुलना में 2023 में 8.6 मिलियन अधिक लोगों को गंभीर भूख का सामना करना पड़ रहा है।
चरम मौसम की घटनाओं, जैसे अत्यधिक गर्मी, गंभीर बाढ़, तूफान, सूखा, आदि के कारण 18 देशों में 77 मिलियन लोगों में भुखमरी की समस्या हो गई है।
आर्थिक झटके- 21 देशों में गंभीर भूख का प्रमुख कारण इन देशों में गंभीर आर्थिक हालात थे। रिपोर्ट के अनुसार 21 देशों में लगभग 75 मिलियन लोग इस कारण गंभीर भूख से प्रभावित हुए हैं।
विश्व में गंभीर भूख से प्रभावित देश
निम्नलिखित देश जो जनसंख्या के आधार पर विश्व में सबसे ज़्यादा गंभीर खाद्य सुरक्षा का सामना कर रहे हैं।
क्रमांक
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देश
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गंभीर भूख से पीड़ित लोग (मिलियन में)
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1
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कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
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25.8
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2
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नाइजीरिया
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24.8
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3
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सूडान
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20.2
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4
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अफ़ग़ानिस्तान
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19.9
|
5
|
इथियोपिया
|
19.7
|
6
|
यमन
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18.0
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7
|
सीरिया
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12.8
|
8
|
बांग्लादेश
|
11.9
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9
|
पाकिस्तान
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11.8
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10
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म्यांमार
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10.6
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