भारतीय वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में तेज वृद्धि के बाद वैश्विक निवेश बैंक मार्गन स्टेनली ने वित्त पूरे वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर को बढ़ाया है।
मार्गन स्टेनली ने अब पूरे वित्त वर्ष में विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इससे पूर्व मार्गन स्टेनली ने विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने की बात कही थी।
मजबूत घरेलू मांग के कारण विकास दर बढ़ा:
- निवेश बैंक के अनुसार मजबूत घरेलू मांग के कारण विकास दर के अनुमान में संशोधन किया गया है। अप्रैल-जून 2023 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है, जो मार्गन स्टेनली के अनुमान 7.4 प्रतिशत से अधिक है।
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
- रिपोर्ट के अनुसार यह वृद्धि दर हमारे अनुमान से अधिक है, लेकिन आम सहमति की अपेक्षाओं के अनुरूप है। निजी खपत में उम्मीद से अधिक वृद्धि के कारण विकास दर में यह तेज बढ़ोतरी रही है।
- जीएसटी संग्रह, क्रेडिट वृद्धि और जीडीपी इंडेक्स का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग की स्थिति में मजबूत गति जीडीपी आंकड़ों में दिखाई दे रही है।
- रिपोर्ट के अनुसार आगे इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलापन कायम रहेगा।
- पूरी अर्थव्यवस्था में मजबूत बैलेंस शीट और आपूर्ति पक्ष को लेकर सरकार की सक्रिय प्रतिक्रियाओं में बहुवर्षीय विकास चक्र के लिए एक सुरक्षित आधार प्रदान करने की संभावना है।
- रिपोर्ट में कमजोर वैश्विक वृद्धि, वैश्विक कमोडिटी के मूल्यों के रुझान और मौसम की असाधारण स्थितियों को लेकर चिंता व्यक्त किया गया है।
मॉर्गन स्टैनली के अलावा मूडीज और नोमुरा ने भी बढाया भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान:
- वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.8% रहने के आंकड़े आने के एक दिन बाद आर्थिक अनुमान लगाने वाली कुछ एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है, जिनमें मॉर्गन स्टैनली के अलावा और मूडीज नोमुरा शामिल हैं।
- नोमुरा रिसर्च ने वित्त वर्ष 2024 के लिए वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 5.9% कर दिया, जबकि पूर्व में 5.5% वृद्धि का अनुमान लगाया था।
- नोमुरा रिसर्च के अनुसार, कमजोर मॉनसून, बढ़ी खाद्य महंगाई, सरकार का पूंजीगत व्यय घटने और वैश्विक वृद्धि सुस्त रहने के कारण घरेलू मांग में सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं, जिससे 2023 की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि सुस्त होगी।
- नोमुरा ने वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है।