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कोडाइकनाल सौर वेधशाला ने सौर अध्ययन के 125 वर्ष पूर्ण किए

Utkarsh Classes Last Updated 03-04-2024
Kodaikanal Solar Observatory completes 125 years of solar studies Space 4 min read

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) ने 1 अप्रैल 2024 को कोडाइकनाल सौर वेधशाला (केएसओ) की 125वीं वर्षगांठ मनाई। 

  • इस अवसर पर आईआईए की शासी परिषद के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने वर्षगांठ समारोह के लिए केएसओ की 125वीं वर्षगांठ के प्रतीक चिन्ह का भी अनावरण किया। साथ ही वेधशाला के इतिहास और शोध उपलब्धियों का विवरण देने वाली एक पुस्तिका का भी विमोचन किया।
  • एएस किरण कुमार पूर्व में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।  
  • आईआईए के वैज्ञानिकों का अभिनंदन करने और इसकी विरासत का सम्मान करना भारत में खगोल विज्ञान के लिए बड़ी उपलब्धि रही है। 
  • केएसओ के पास 20वीं सदी की शुरुआत से हर दिन रिकॉर्ड की जाने वाली 1.2 लाख डिजिटल सौर छवियों का भंडार उपलब्ध है। इसके पास सूर्य की हजारों अन्य छवियों का भी एक डिजिटल भंडार उपलब्ध है।

समारोह का मुख्य आकर्षण: 

  • 1 अप्रैल 1899 को अंग्रेजों द्वारा स्थापित, वेधशाला के पास, सूर्य के सबसे लंबे समय तक निरंतर दैनिक रिकॉर्डों का डाटा का संग्रहण में से एक है। साथ ही इस अद्वितीय डेटाबेस को डिजिटल कर दिया गया है। यह डेटाबेस अब दुनिया भर के खगोलविदों के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
  • आईआईए ने 1792 में मद्रास में स्थापित वेधशाला से शुरू हुए इस वेधशाला का समृद्ध इतिहास है। इसकी विविध उपलब्धियों और चल रहे अनुसंधान को प्रदर्शित करने के लिए आने वाले महीनों में कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। 
  • कोडाइकनाल सौर वेधशाला (केएसओ) वर्तमान में, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) के अंतर्गत एक फील्ड स्टेशन के रूप में कार्यरत है। आईआईए, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।
  • वर्तमान में आईआईए के निदेशक प्रो. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम हैं। एक सदी से भी अधिक समय से ज्ञान की खोज के लिए प्रौद्योगिकी की कई पीढ़ियों के माध्यम से निरंतर नवाचार की आवश्यकता होती है। साथ ही वैज्ञानिकों की पीढ़ियों के माध्यम से कौशल का हस्तांतरण भी होता है। 

कोडाइकनाल सौर वेधशाला के बारे में: 

  • 1 अप्रैल को आईआईए द्वारा स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इसे 1 अप्रैल 1971 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था। वर्ष 2024 के लिए स्थापना दिवस व्याख्यान कोडाइकनाल से एएस किरण कुमार द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने "भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम" पर चर्चा की। 

कोडाइकनाल सौर वेधशाला (केएसओ) की उपलब्धि:  

  • केएसओ डेढ़ सदी से भी अधिक समय से वैज्ञानिकों के नेतृत्व में पृथ्वी से सूर्य का अध्यन कर रहा है। इसकी निम्नलिखित उपलब्धियां हैं: 
    • सूर्य को समझने सहायक  
    • ग्रहणों का अध्ययन करना
    • वर्ष 1868 में हीलियम की खोज करना 
    • सूर्य में प्लाज्मा प्रक्रिया को समझना
    • इसके विस्तार, प्रमुखता और चमक-दमक को समझने सहायक
  • हाल ही में प्रक्षेपित किए गए आदित्य-एल-1 पर विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफ, जिसे आईआईए के क्रेस्ट में असेंबल किया गया था। 
  • आईआईए के नेतृत्व में लद्दाख में प्रस्तावित नेशनल लार्ज सोलर टेलीस्कोप, इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रहा है।

FAQ

Answer: कोडाइकनाल सौर वेधशाला (केएसओ)

Answer: भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए)

Answer: आईआईए की शासी परिषद के अध्यक्ष एएस किरण कुमार
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