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रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया
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Updated: 31 Jul 2025
3 Min Read
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आधुनिक समय में दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक, 30 जुलाई 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 8.8 थी। यह दुनिया का 1900 के बाद दर्ज़ की गई छठी सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
इस भूकंप के कारण प्रशांत महासागर के किनारे बसे न्यूज़ीलैंड,जापान और दक्षिण अमेरिकी देशों पेरू और चिली तक के देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई।
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 119 किलोमीटर दूर था।
यह प्रायद्वीप प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित अग्नि वलय का हिस्सा है।
अग्नि वलय प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित ज्वालामुखियों और भूकंपीय गतिविधि स्थलों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला है।
दुनिया के लगभग 90% भूकंप और पृथ्वी पर लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में स्थित हैं।
भूकंप के कारण रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो गई और इसमे विस्फोट हो गया।
इस ज्वालामुखी से कम से कम 2.5 किलोमीटर ऊंची राख का गुबार दर्ज़ की गई है। क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो हाल के वर्षों में कई बार फट चुका है।
सुनामी एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है बंदरगाह की लहरें।
सुनामी विशाल समुद्री लहरों की एक श्रृंखला है जो भूकंप, समुद्र के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्र में भूस्खलन या उल्कापिंडों के टकराने से उत्पन्न होती है।
लेकिन भूकंप दुनिया में सुनामी का एक प्रमुख कारण हैं।
इन घटनाओं से समुद्र में बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे लहरों की एक श्रृंखला उत्पन्न होती है।
समुद्र की गहराई जितनी अधिक होगी, भूकंप से उत्पन्न विशाल लहरों की गति उतनी ही तेज़ होगी।
दुनिया में दर्ज किए गए सबसे ज़्यादा भूकंप
1900 के बाद से दुनिया में दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली भूकंप निम्नलिखित हैं:
रिक्टर पैमाने पर 9.5 तीव्रता वाला अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 22 मई 1960 को बायोबियो, चिली में आया था।
इस भूकंप के कारण चिली के तट पर 80 फीट ऊँची सुनामी आई और दूर स्थित जापान के होन्शू द्वीप पर लगभग 18 फीट ऊँची लहरें उठीं थीं।
दूसरे स्थान पर 27 मार्च 1964 को अलास्का, संयुक्त राज्य अमेरिका में आया भूकंप है।
रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 9.2 दर्ज की गई थी और यह भूकंप लगभग साढ़े चार मिनट तक रहा।
अगले तीन हफ़्तों तक इस क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
यह तीसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप है जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.1 थी और यह 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा के पास हिंद महासागर में दर्ज किया गया था।
इसने एक विशाल सुनामी उत्पन्न की जिसमें 13 देशों के 2,30,000 लोग मारे गए थे।
इस सुनामी के कारण जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने क्वाड के निर्माण की पहल की।
चौथे स्थान पर 11 मार्च 2011 को तोहोकू, जापान में आया 9.1 तीव्रता का भूकंप है। भूकंप का कारण आए सुनामी ने फुकुशिमा दाइची परमाणु रिएक्टरों को प्रभावित किया, जिसके कारण पानी और वायुमंडल में रेडियोधर्मी पदार्थ फैल गए।
इसके कारण क्षेत्र के लगभग 1 लाख निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया था।
पाँचवें स्थान पर 9.0 तीव्रता का भूकंप है जो 4 नवंबर 1952 को रूस के कामचटका में आया था।
ऐसा माना जाता है कि भूकंप और उसके परिणामस्वरूप आई सुनामी के कारण लगभग 10,000 लोग मारे गए थे।
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