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भारत के पहले शीतकालीन वैज्ञानिक आर्कटिक अभियान का शुभारंभ

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India's First Winter Scientific Arctic Expedition Launched Science and Technology 4 min read

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने 18 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) मुख्यालय से आर्कटिक के लिए भारत का पहला शीतकालीन वैज्ञानिक अभियान शुरू किया।

  • आर्कटिक के लिए भारतीय वैज्ञानिक अभियान (नवंबर से मार्च), शोधकर्ताओं को आर्कटिक क्षेत्र में ध्रुवीय रातों के दौरान विशिष्ट वैज्ञानिक अवलोकन करने की अनुमति देगा जहाँ सर्दियों के दौरान लगभग हर दिन 24 घंटे सूरज की रोशनी नहीं होती है और तापमान शून्य से नीचे चला जाता है।
  • भारत, आर्कटिक में 2008 से ‘हिमाद्रि’ नामक एक अनुसंधान केंद्र संचालित कर रहा है, जो ज्यादातर गर्मियों (अप्रैल से अक्टूबर) के दौरान वैज्ञानिकों की मेजबानी और शोध से संबंधित गतिविधियां करता है।
  • भारत का आर्कटिक अनुसंधान आधार हिमाद्रि, उत्तरी ध्रुव से 1231 किमी दक्षिण में 78˚55' उत्तर(N), 11˚56'  पूर्व (E) पर स्थित है। जहाँ भारतीय आर्कटिक अभियान के सदस्य अवलोकन, अनुसंधान और प्रयोग करते हैं।
  • पहले आर्कटिक शीतकालीन अभियान के पहले बैच के मेजबानों में राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे, और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु के शोधकर्ता शामिल हैं।
  • आर्कटिक में शीतकालीन अभियान शुरू करने के साथ ही भारत, आर्कटिक में समय पर संचालन बढ़ाने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है।

भारत की आर्कटिक नीति:

  • मार्च 2022 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भारत की आर्कटिक नीति का अनावरण किया था, जिसका शीर्षक 'भारत और आर्कटिक: सतत् विकास हेतु साझेदारी का निर्माण' था।
  • भारत की आर्कटिक नीति के छह स्तंभ हैं जिनमें-
  • भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान और सहयोग को सुदृढ़ करना, 
  • जलवायु और पर्यावरण संरक्षण, 
  • आर्थिक और मानव विकास, 
  • परिवहन और संपर्क, 
  • संचालन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग,
  • राष्ट्रीय आर्कटिक क्षेत्र में क्षमता निर्माण शामिल हैं।
  • भारत, आर्कटिक परिषद में पर्यवेक्षक का दर्जा रखने वाले 13 देशों में से एक है।

भारत की आर्कटिक नीति का उद्देश्य:

  • भारत की जलवायु, आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा पर आर्कटिक में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की समझ को बढ़ाना।
  • आर्कटिक में भारत के हितों की तलाश में अंतर-मंत्रालयी समन्वय।
  • ध्रुवीय क्षेत्रों और हिमालय के बीच संबंधों का अध्ययन करना।
  • वैज्ञानिक और पारंपरिक ज्ञान से विशेषज्ञता हासिल करते हुए विभिन्न आर्कटिक मंचों के तहत भारत और आर्कटिक क्षेत्र के देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना।

आर्कटिक के बारे में:

  • आर्कटिक पृथ्वी के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक ध्रुवीय क्षेत्र है।
  • आर्कटिक क्षेत्र के तहत भूमि पर मौसमी रूप से अलग-अलग बर्फ और हिम का आवरण होता है।
  • आर्कटिक क्षेत्र के अंतर्गत आर्कटिक महासागर, निकटवर्ती समुद्र और अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका), कनाडा, फिनलैंड, ग्रीनलैंड (डेनमार्क), आइसलैंड, नॉर्वे, रूस और स्वीडन को  शामिल किया जाता है।

FAQ

Ans. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू

Ans. हिमाद्रि

Ans. भारत की आर्कटिक नीति, मार्च 2022 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा जारी की गई थीI

Ans. आर्कटिक परिषद द्वारा 13 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया हैI भारत उन 13 देशों में से एक हैI
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