हाल ही में प्रकाशित Zscaler ThreatLabz 2024 मोबाइल IoT और OT थ्रेट रिपोर्ट के अनुसार, भारत मोबाइल मैलवेयर हमलों के लिए सबसे अधिक लक्षित देश के रूप में उभरा है। क्लाउड सुरक्षा कंपनी Zscaler Inc द्वारा 3 दिसंबर 2024 को प्रकाशित Zscaler ThreatLabz 2024 मोबाइल IoT और OT थ्रेट रिपोर्ट में जून 2023 से मई 2024 तक मोबाइल और आईओटी /ओटी (IoT/OT) पर हैकर्स द्वारा किए गए सुरक्षा हमलों का विश्लेषण किया गया है।
मैलवेयर या दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर एक प्रकार का प्रोग्राम या फ़ाइल है जो किसी कंप्यूटर से डेटा चुराता है और कंप्यूटर और उसके सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है या नष्ट कर देता है। इसका उपयोग साइबर अपराधियों या हैकर्स द्वारा किया जाता है। मैलवेयर के सामान्य प्रकार कंप्यूटर वायरस, वर्म्स, स्पाइवेयर, ट्रोजन हॉर्स और रैनसमवेयर हैं।
Zscaler ThreatLabz 2024 रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- विश्व में मोबाइल फोन पर होने वाले हमलों में से 28% भारत में हुए।
- भारत के बस दुनिया में दूसरा स्थान संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके बाद कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड थे।
- 2023 की रिपोर्ट में, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बाद भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उपकरणों पर हुए हमलों का शीर्ष लक्ष्य बना हुआ है, उसके बाद सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और कनाडा हैं।
- एशिया प्रशांत क्षेत्र में , कुल हुए मोबाइल मैलवेयर हमलों में भारत का हिस्सा 66.5 प्रतिशत हिस्सा था ।
- एशिया प्रशांत क्षेत्र में, मैलवेयर के उत्पत्ति के रूप में भारत का स्थान सातवाँ था। पिछले साल भारत पांचवें स्थान पर था।
- एशिया प्रशांत क्षेत्र में मैलवेयर की उत्पत्ति का प्रमुख स्रोत सिंगापुर था, उसके बाद चीन और दक्षिण कोरिया हैं।
भारत में साइबर सुरक्षा के कानून
भारत में ,सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000, मुख्य कानून है जो साइबर सुरक्षा, डेटा संरक्षण और साइबर अपराध से संबंधित है।
इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- यह इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन और संचार को वैधानिक मान्यता और सुरक्षा प्रदान करता है;
- इलेक्ट्रॉनिक डेटा, सूचना और रिकॉर्ड की सुरक्षा करता है;
- कंप्यूटर सिस्टम के अनधिकृत या गैरकानूनी उपयोग को रोकने का लक्ष्य रखता है; और
- हैकिंग, सेवा से वंचित करने वाले हमले, फ़िशिंग, मैलवेयर हमले, पहचान धोखाधड़ी और इलेक्ट्रॉनिक चोरी जैसी गतिविधियों को दंडनीय अपराध बनाता है।
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन)
- भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) की स्थापना जनवरी 2004 में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत की गई थी।
- सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008, सीईआरटी-इन को देश में कंप्यूटर सुरक्षा घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी बनाता है।
- यह साइबर सुरक्षा घटनाओं पर जानकारी एकत्र करने, उसका विश्लेषण करने और उसका प्रसार करने तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया उपाय करने के लिए जिम्मेदार है।