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भारत 700 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार वाला दुनिया का चौथा देश

Utkarsh Classes Last Updated 05-10-2024
India 4th country in the world to have $700 billion Forex Reserves Economy 4 min read

चीन, स्विट्जरलैंड और जापान के बाद भारत, 700 अरब डॉलर से अधिक के विदेशी मुद्रा भंडार वाला,  दुनिया का चौथा देश बन गया है। मूल्यांकन लाभ और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बाजार से अमेरिकी डॉलर की लगातार खरीद के कारण पिछले सात हफ्तों से भारतीय विदेशी मुद्रा में वृद्धि हो रही है।

चीन दुनिया में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा धारक देश है, इसके बाद जापान, स्विट्जरलैंड और भारत हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़े के अनुसार, 27 सितंबर 2024 तक देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 704.89 बिलियन डॉलर था। 

साल 2024 में अभी तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 87.6 बिलियन डॉलर बढ़ गया है। पिछले साल भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 62 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी ।

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण भारतीय इक्विटी और बांड बाजार में लगातार हो रहा विदेशी निवेश रहा है। यह निवेश इस साल, करीब 30 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है।

जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स में भारतीय सरकारी बॉन्ड को शामिल किए जाने के बाद से  भारतीय ऋण बाजार में विदेशी निवेश में निरंतर बढ़ा रहा है।

भारत में विदेशी मुद्रा की वैधानिक स्थिति

  • भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 ,भारत की विदेशी मुद्रा की संरचना का प्रावधान करता है।
  • यह अधिनियम भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआईI) को विदेशी मुद्रा भंडार का एकमात्र संरक्षक और प्रबंधक भी बनाता है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना 

आरबीआई अधिनियम 1934 के अनुसार, भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा संपत्ति, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), आईएमएफ के साथ एक रिजर्व किश्त स्थिति (आरटीपी) और सोना भंडार  शामिल हैं।

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ में शामिल हैं 

  • विदेशी देशों की सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश,
  • अन्य देश के केंद्रीय बैंकों और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) के पास आरबीआई की जमा राशि, और
  • विदेशी वाणिज्यिक बैंकों में जमा राशि।

आरबीआई का स्वर्ण भंडार 

आरबीआई अपने स्वर्ण भंडार का एक हिस्सा भारत के बाहर -बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) के पास रखता है और कुछ हिस्सा भारत के भीतर रखता है।

एसडीआर (विशेष आहरण अधिकार)

  • विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), 1969 में बनाया गया और यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक लेखा इकाई है। इन्हें कागजी सोना भी कहा जाता है।
  • जो देश आईएमएफ़  के सदस्य हैं उन्हें एसडीआर आवंटित किया जाता है।
  • एसडीआर कोई मुद्रा नहीं है; हालाँकि, सदस्य देश स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्रा के लिए अन्य सदस्यों के साथ अपनी एसडीआर होल्डिंग्स का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
  • एसडीआर का मूल्य मुद्राओं की एक टोकरी से जुड़ा हुआ है जिसमे अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी युआन, जापानी येन और यूनाइटेड किंगडम का पाउंड स्टर्लिंग शामिल है ।
  • एसडीआर व्यक्तियों या निजी संस्थाओं द्वारा नहीं रखा जा सकता है; इसे केवल आईएमएफ, इसके सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों और बहुपक्षीय विकास बैंकों द्वारा ही रखा जा सकता है।

महत्वपूर्ण  फुल फॉर्म 

आई एम एफ़(IMF)- इंटरनेशनल मोनेटरी फ़ंड(International Monetary Fund)

एस डी आर(SDR)- स्पेशल ड्राविंग राइट्स (Special Drawing Rights)

आर बीआई(RBI)- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India)

बीआई एस (BIS)- बैंक फॉर इंटरनेशनल सेट्टल्मेंट (Bank for International Settlement)

 

FAQ

उत्तर: भारत,चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद

उत्तर: चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद चौथा।

उत्तर: भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के तहत।

उत्तर: हर सप्ताह शुक्रवार को

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की विशेष आहरण इकाई (एसडीआर)
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