रूस के प्रथम उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव ने 10 से 12 नवंबर 2024 तक भारत का दौरा किया। डेनिस मंटुरोव अपने भारत यात्रा के दौरान सबसे पहले मुंबई गए , जहां उन्होंने भारत-रूस बिजनेस फोरम बैठक की सह-अध्यक्षता की। बाद में वे नई दिल्ली गए जहां उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की।
नई दिल्ली में, 12 नवंबर 2024 को, उन्होंने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (आईआरआईजीसी -टीईसी) पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 25वें सत्र की सह-अध्यक्षता की।
डेनिस मंटुरोव की भारत यात्रा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने भारत-रूस बिजनेस फोरम बैठक की सह-अध्यक्षता की।
विदेश मंत्रालय ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से 11 नवंबर 2024 को मुंबई, महाराष्ट्र में इसका आयोजन किया।
दोनों देशों ने 2030 तक 100 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
डॉ. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच भारी व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए रूस को भारत के निर्यात में वृद्धि का आह्वान किया।
2023-24 में भारत और रूस के बीच कुल व्यापार 65.70 अरब डॉलर था।
रूस से भारत का आयात 61.44 अरब डॉलर और रूस को निर्यात 4.26 अरब डॉलर था।
2023-24 में रूस के साथ भारत का व्यापार घाटा 57.18 अरब डॉलर था।
भारत रूसी कच्चे तेल का एक प्रमुख खरीदार देश है, और कच्चा तेल , रूस से भारतीय आयात का एक बड़ा हिस्सा है। तेल के अलावा, भारत उर्वरक, खनिज संसाधन, कीमती पत्थर और धातु, और वनस्पति तेल, विशेष रूप से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है।
रूस को भारत के निर्यात में मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, कार्बनिक रसायन, विद्युत मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, और लोहा और इस्पात शामिल हैं।
चीन के बाद भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है।
2023-24 में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के बाद रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश था।
व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) का 25वां सत्र 12 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
डॉ. एस. जयशंकर और डेनिस मंटुरोव ने 25वें आईआरआईजीसी-टीईसी की सह-अध्यक्षता की।
आईआरआईजीसी-टीईसी की स्थापना 1992 में भारत और रूस के बीच हस्ताक्षरित अंतर-सरकारी समझौते के तहत की गई थी।
आईआरआईजीसी-टीईसी व्यापार, आर्थिक संबंधों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और संस्कृति के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के लिए प्रमुख समन्वय तंत्र है।
बैठक के दौरान, दोनों पक्ष 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को साकार करने के लिए आर्थिक सहयोग कार्यक्रम 2030 को शीघ्र अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर सहमत हुए।
भारत-रूस संबंध भारतीय विदेश नीति का स्तंभ रहा है और रूस भारत का समय परखा हुआ मित्र रहा है।
अक्टूबर 2000 में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने "भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा" पर हस्ताक्षर किए।
फिर, दिसंबर 2010 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच संबंधों को "विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" तक बढ़ाया गया।
रूस भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हथियारों का एक प्रमुख स्रोत है।
दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत और गहरा करने के लिए भारतीय प्रधान मंत्री और रूसी राष्ट्रपति वार्षिक शिखर-स्तरीय बैठक करते हैं।
22वीं शिखर बैठक ,जुलाई 2024 में मास्को में आयोजित की गई थी।
भारत और रूस ने 2+2 वार्ता (दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री) भी शुरू की है, और इस तरह की पहली वार्ता 2021 में आयोजित की गई थी।
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