भारत - उज्बेकिस्तान के मध्य ‘डस्टलिक 2024’ संयुक्त सैन्य अभ्यास
Utkarsh ClassesLast Updated
13-04-2024
Defence
4 min read
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच 'डस्टलिक' संयुक्त सैन्य अभ्यास का पांचवाँ संस्करण 15 अप्रैल से उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ जिले में आयोजित किया जाएगा। एक्सरसाइज डस्टलिक 2024 भारत और उज्बेकिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'डस्टलिक' का 5वां संस्करण है।
यह 14 दिवसीय अभ्यास 15 से 28 अप्रैल 2024 तक उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ जिले में आयोजित किया जाएगा।
भारतीय सशस्त्र सेनाओं और उज़्बेकिस्तान गणराज्य की सशस्त्र सेनाओं के भाग लेने वाले दल के सहयोग और भविष्य की सैन्य बातचीत की नींव को मजबूत करने के लिए एक प्रशिक्षण सत्र का भी आयोजन किया जाएगा।
बढ़ेंगे रक्षा सहयोग:
अभ्यास के दौरान उत्पन्न सौहार्द और सद्भावना को एक-दूसरे संगठनों को समझने का अवसर मिलेगा।
विभिन्न अभियानों के संचालन की पद्धति को समझने में सक्षम बनाकर दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।
दोनों सेना करेंगी कठिन प्रशिक्षण अभ्यास:
भारतीय सशस्त्र बल और उज़्बेकिस्तान गणराज्य के सशस्त्र बल सहयोग और भविष्य की सैन्य बातचीत की नींव मजबूत करने के लिए एक साथ प्रशिक्षण लेंगे।
अभ्यास के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों और उज़्बेकिस्तान गणराज्य के सशस्त्र बलों की भाग लेने वाली टुकड़ियों को संयुक्त प्रशिक्षण सत्र से गुजरना होगा।
'डस्टलिक' का चौथा संस्करण:
'डस्टलिक' का चौथा संस्करण 20 फरवरी 2023 को विदेशी प्रशिक्षण नोड, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में आयोजित किया गया था। इस अभ्यास में उज्बेकिस्तान और भारतीय सेना के 45-45 सैनिकों ने भाग लिया।
इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सकारात्मक संबंधों को बढ़ावा देना है। भारतीय सेना की टुकड़ी में गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट की एक इन्फैंट्री बटालियन के सैनिक शामिल हैं।
14 दिनों तक चलने वाला यह संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत पहाड़ी और अर्ध-शहरी परिदृश्य में संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित है। इसमें क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास, युद्ध चर्चा, व्याख्यान, प्रदर्शन इत्यादि को शामिल किया गया।
दोनों पक्षों ने संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए संयुक्त रूप से सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला को प्रशिक्षित, और योजनाबद्ध तरीके से निष्पादित किया। साथ ही संयुक्त संचालन के लिए नई पीढ़ी के उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना सीखा। इस दौरान सेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता बढ़ाने पर पूरा जोर दिया गया।
दोनों देशों के मध्य इस अभ्यास का प्रथम संस्करण नवंबर 2019 में उज्बेकिस्तान में आयोजित किया गया था।
उज्बेकिस्तान के बारे में:
1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद, मध्य एशिया में उज़्बेकिस्तान एक स्वत्रन्त्र राष्ट्र के रूप में उभरा।
मध्य एशिया अपनी भौगोलिक स्थिति और समृद्ध खनिज और हाइड्रो कार्बन संसाधनों के कारण महाशक्तियो के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
उज़्बेकिस्तान, मध्य एशिया के मध्य में स्थित होने के कारण अपनी सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।
With the trust and confidence that our students have placed in us, the Utkarsh Mobile App has become India’s Best Educational App on the
Google Play Store. We are striving to maintain the legacy by updating unique features in the app for the facility of our aspirants.