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विश्व बैंक: भारत में 10 वर्षों में 17 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले

Utkarsh Classes Last Updated 28-04-2025
World Bank: 17 crore people lifted out of poverty in India in 10 years Report 5 min read

विश्व बैंक के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में भारत में लगभग 17.1 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी के स्तर से बाहर आ चुके हैं। देश में अत्यधिक गरीबी 2011-12 में 16 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.3 प्रतिशत हो गई है। विश्व बैंक ने अपनी गरीबी और समानता संक्षिप्त रिपोर्ट में भारत सहित 100 देशों में गरीबी की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला है।

 यह रिपोर्ट विश्व बैंक द्वारा वर्ष में दो बार, वाशिंगटन, डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका में विश्व बैंक समूह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वसंत और वार्षिक बैठकों से पहले जारी की जाती है।

विश्व बैंक द्वारा अपनी रिपोर्ट में इस्तेमाल किए गए संकेतक

विश्व बैंक ने गरीबी रेखा को मापने के लिए तीन मानकों का इस्तेमाल किया है।

  • अत्यंत गरीबी रेखा श्रेणी - 2017 में क्रय शक्ति समता पर प्रतिदिन $2.15 से कम कमाने वाला व्यक्ति।
  • निम्न-मध्यम आय श्रेणी में गरीबी - 2017 में क्रय शक्ति समता पर प्रतिदिन $3.65 से कम कमाने वाला व्यक्ति।
  • उच्च-मध्यम आय श्रेणी में गरीबी - 2017 में क्रय शक्ति समता के आधार पर प्रतिदिन $6.85 से कम कमाने वाला व्यक्ति।
  • बहुआयामी गरीबी माप-  बहुआयामी गरीबी आकलन में गरीबी के गैर-आय-आधारित आयामों को मापा जाता  है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर तक व्यक्ति की पहुँच शामिल है।

विभिन्न श्रेणियों में भारत में गरीबी का अनुमान

अत्यधिक गरीबी श्रेणी

  • अत्यधिक गरीबी (प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन) 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.3 प्रतिशत हो गई।
  • 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ गए।
  • ग्रामीण -  अत्यधिक गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत हो गई।
  • शहरी गरीबी - 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गई
  • ग्रामीण-शहरी गरीबी का अंतर - 2011-12 में 7.7 प्रतिशत अंक से घटकर 2022-23 में 1.7 प्रतिशत अंक हो गया।

निम्न-मध्यम आय वर्ग में गरीबी

  • गरीबी दर 2011-12 में 61.8% से गिरकर 2022-23 में 28.1% हो गई।
  • इस अवधि के दौरान 3.78 करोड़ लोग गरीबी से ऊपर उठ गए।
  • ग्रामीण गरीबी-  69 प्रतिशत से घटकर 32.5 प्रतिशत हो गई।
  • शहरी गरीबी-  43.5 प्रतिशत से घटकर 17.2 प्रतिशत हो गई।
  • ग्रामीण-शहरी अंतर- इस अवधि के दौरान ग्रामीण-शहरी अंतर 25 से घटकर 15 प्रतिशत अंक रह गया।

बहुआयामी गरीबी सूचकांक

  • भारत की गैर-मौद्रिक गरीबी 2005-06 में 53.8% से घटकर 2022-23 में 15.5% हो गई।

शीर्ष 5 सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्यों का योगदान

  • देश की अत्यधिक गरीबी में भारत के शीर्ष पांच सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों - उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश - का योगदान 2011-12 में 65 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 54 प्रतिशत हो गया।

भारत में बेरोज़गारी

  • विश्व बैंक के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 से देश में  रोज़गार वृद्धि, कामकाजी आयु वर्ग की आबादी में वृद्धि से अधिक हो गई है।
  • देश में स्व-रोज़गार बढ़ रहा है, खासकर ग्रामीण श्रमिकों और महिलाओं के बीच।
  • महिला रोज़गार दर 31 प्रतिशत होने के बावजूद, लैंगिक असमानताएँ बनी हुई हैं, 234 मिलियन से अधिक पुरुष वेतनभोगी काम में लगे हुए हैं।

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सुनील मित्तल विश्व बैंक की निजी क्षेत्र निवेश प्रयोगशाला में शामिल

FAQ

उत्तर: विश्व बैंक

उत्तर: 2022-23 में 2.3 प्रतिशत। 2011-12 में यह 16 प्रतिशत था।

उत्तर: 17.1 करोड़ लोग

उत्तर: क्रय शक्ति समता पर प्रतिदिन $ 2.15 से कम कमाने वाला व्यक्ति।
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