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डब्ल्यूएचओ ने नई दिल्ली में आईसीडी 11 मॉड्यूल 2 ( मॉर्बिडिटी कोड्स) लॉन्च किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
WHO Launches ICD 11 Module 2 (Morbidity Codes) In New Delhi Health and Disease 4 min read

रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (आईसीडी) 11 में मॉड्यूल 2 के रूप में आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी के पारंपरिक चिकित्सा रुग्णता कोड का विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुभारंभ किया। आईसीडी 11 टीएम मॉड्यूल 2, मॉर्बिडिटी कोड्स, डब्ल्यूएचओ का उदघाटन कार्यक्रम 10 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। 

  • आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी प्रणालियों पर आधारित रोगों से संबंधित डेटा और शब्दावली अब डब्ल्यूएचओ के आईसीडी11 क्लासिफिकेशन में शामिल की जाएगी।

इससे क्या लाभ होगा?

  • इस प्रयास से बीमारियों को परिभाषित करने वाली शब्दावली के कोड के रूप में एएसयू (आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध) चिकित्सा में वैश्विक एकरूपता आएगी।

रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (आईसीडी) क्या है? 

  • डब्ल्यूएचओ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीमारियों को वर्गीकृत करने के लिए आईसीडी नामक एक वर्गीकरण श्रृंखला विकसित की है।
  • आईसीडी वैश्विक स्तर पर व्यापक उपयोग प्रदान करता है। आईसीडी कोडिट डेटा के माध्यम से दुनिया भर में मानव रोग और मृत्यु की सीमा, कारणों पर जानकारी देता है। आईसीडी के साथ कोडिट नैदानिक ​​शब्द प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल में बीमारी पर स्वास्थ्य रिकॉर्डिंग और आंकड़ों के साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मुख्य आधार हैं। 
  • ये डेटा और आँकड़े भुगतान प्रणाली, सेवा योजना, गुणवत्ता और सुरक्षा के प्रशासन और स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान का समर्थन करते हैं। आईसीडी की श्रेणियों से जुड़ा नैदानिक ​​मार्गदर्शन भी डेटा संग्रह को मानकीकृत करता है। ये बड़े पैमाने पर अनुसंधान को सक्षम बनाता है। 

किस प्रकार से कार्य करेगा? 

  • वर्तमान में उपलब्ध बीमारियों पर वैश्विक डेटा मुख्यतः आधुनिक बायोमेडिसिन के माध्यम से निदान की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं पर आधारित है।
  • एएसयू जैसी आयुष प्रणालियों पर आधारित रोगों से संबंधित डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण अभी तक डब्ल्यूएचओ आईसीडी श्रृंखला में शामिल नहीं है।

आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के बीच समझौता:  

  • आयुष मंत्रालय ने पहले ही राष्ट्रीय आयुष रुग्णता और मानकीकृत इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल (नमस्ते) के माध्यम से एएसयू चिकित्सा के लिए कोड विकसित किया है। आयुष मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ के सहयोग से आईसीडी 11 श्रृंखला के  टीएम 2 मॉड्यूल के तहत आयुष- एएसयू प्रणालियों पर आधारित रोगों से संबंधित डेटा और शब्दावली का एक वर्गीकरण तैयार किया है।
  • आयुष मंत्रालय ने इसके लिए डब्ल्यूएचओ के साथ एक डोनर एग्रीमेंट पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी रणनीतियों के निर्माण में सहायक होगा: 

  • सरकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली संबंधी रणनीतियों के निर्माण में सहायक होगा।  
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली, आयुष बीमा कवरेज, नीति-निर्माण प्रणालियों को और मजबूत तथा विस्तारित करेगा। 
  • इसके अलावा, इन कोड का उपयोग समाज में विभिन्न बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए भविष्य की रणनीतियों के निर्माण में भी किया जाएगा।

आईसीडी में शामिल बीमारियाँ: 

  • इस वर्गीकरण में मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियाँ और पुरानी अनिद्रा जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियाँ शामिल हैं। 
  • आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी, वर्टिगो गाइडेंस डिसऑर्डर, जिसे आमतौर पर तीन पारंपरिक प्रणालियों द्वारा मान्यता प्राप्त है।
  • एक नर्वस सिस्टम डिस्ऑर्डर के रूप में जिसे आयुर्वेद में 'भ्रमहा' सिद्ध के रूप में 'अजल किरक्रिप्पु' और यूनानी में 'सद्र-ओ-द्वार' के रूप में जाना जाता है। 

प्रचलित रोगों की अंतर्राष्ट्रीय कोडिंग: 

  • आईसीडी-11 के तहत, ऐसी शब्दावली की अंतर्राष्ट्रीय कोडिंग होगी। एएसयू चिकित्सा के प्रचलित रोगों के नाम और डेटा को टीएम 2 मॉड्यूल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोड में अधिसूचित किया जाएगा।

FAQ

Answer:- नई दिल्ली

Answer:- आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी

Answer:- डब्ल्यूएचओ।
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