केंद्रीय गृह मंत्री और पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष, अमित शाह ने 22 फरवरी 2025 को पुणे, महाराष्ट्र में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की। पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक, 28 अगस्त 2023 को गांधीनगर, गुजरात में आयोजित की गई थी।
बैठक में सदस्य देशों और पूरे देश से संबंधित 18 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर बोलते हुए, अमित शाह ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 25% योगदान देता है और यह क्षेत्र भारत के उद्योगों का घर है जहां 80 से 90% उद्योगों का संचालन होता है।
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद में देश के पश्चिमी भौगोलिक क्षेत्र में स्थित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश- गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और दमन और केंद्र शासित प्रदेश दीव और दादरा और नगर हवेली - शामिल हैं ।
27वीं बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत शामिल थे। बैठक में दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक, प्रफुल्ल पटेल भी उपस्थित थे।
इसमें केंद्रीय गृह सचिव, गोविंद मोहन और सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
क्षेत्रीय परिषद का विचार 1956 में पंडित जवाहर लाला नेहरू द्वारा दिया गया था । उनके अनुसार यह परिषद ,राज्यों के बीच सहयोगात्मक कार्य की भावना को बढ़ावा देने और अंतर-राज्य समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
क्षेत्रीय परिषद का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और राज्यों में , राज्य चेतना, क्षेत्रवाद, भाषावाद और विशिष्ट प्रवृत्तियों के विकास को रोकना भी है।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के प्रावधान के अनुसार देश में पाँच क्षेत्रीय परिषदें स्थापित की गईं।
बाद में उत्तर पूर्व परिषद अधिनियम 1971 के प्रावधान के तहत एक उत्तर पूर्वी परिषद की स्थापना की गई।
क्षेत्रीय परिषदों और उत्तर पूर्वी परिषदके अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होते हैं।
उत्तर पूर्वी परिषद के सदस्य
यह एक सलाहकार निकाय है और इसकी सिफारिशें सरकार पर बाध्यकारी नहीं हैं।
इसमें निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हो सकती है;