अमेरिकी बहुराष्ट्रीय वेब सेवाओं और ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेज़न ने दुनिया भर में एक किफायती ब्रॉडबैंड इंटरनेट नेटवर्क प्रदान करने के लिए प्रोजेक्ट कुइपर के तहत अपने 27 उपग्रहों का पहला बैच अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया है।
जेफ बेजोज की कंपनी अमेजन,एलन मस्क की स्पेसएक्स स्टारलिंक अंतरिक्ष आधारित ब्रॉडबैंड लिंक नेटवर्क से प्रतिस्पर्धा करने की योजना बना रही है।
एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनीने 2019 से अब तक पृथ्वी की निचली कक्षा में 8,000 से अधिक स्टारलिंक उपग्रहों को अपने पुन: प्रयोज्य फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग कर अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। यूरोपीय कंपनी वनवेब ने भी अपने वैश्विक ग्राहकों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए अब तक कई सौ उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं।
दुनिया भर में, स्टारलिंक सबसे बड़ा उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा प्रदाता है, जिसके लगभग 125 देशों में 50 लाख से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं।
27 उपग्रहों का पहला सेट यूनाइटेड लॉन्च अलायंस कंपनी के एटलस वी रॉकेट के द्वारा अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इस रॉकेट को संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा में स्थित केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया।
यूनाइटेड लॉन्च अलायंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन और बोइंग का एक संयुक्त उद्यम है।
प्रोजेक्ट कुपियर अमेज़न की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित 3,000 से अधिक उपग्रहों के समूह के माध्यम से दुनिया भर में वैश्विक हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराना है।
अमेज़न, घरों, व्यवसायों, सरकारी एजेंसियों और विश्वसनीय कनेक्टिविटी के बिना काम करने वाले अन्य संगठनों जैसे ग्राहकों की एक विस्तृत श्रृंखला को हाई-स्पीड, कम विलंबता वाली ब्रॉडबैंड सुविधा प्रदान करेगा।
उपग्रहों पर मिरर फिल्म कोटिंग
नए प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों पर मिरर फिल्म कोटिंग की गई है, ताकि पृथ्वी से खगोलीय अवलोकन पर उनका प्रभाव कम से कम हो सके।
निम्न पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों के प्रसार के कारण, पृथ्वी पर खगोलविदों को दूर की आकाशगंगाओं का अवलोकन करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ये उपग्रह प्रकाश प्रदूषण का कारण बनते हैं जो इन उपग्रहों पर सूर्य की रोशनी के पड़ने से उत्पन्न होती है।
इन उपग्रहों के द्वारा उत्पन्न होने वाली रोशनी, जमीन पर स्थित ऑप्टिकल दूरबीनों द्वारा ली गई तस्वीर को बाधित करती है जिससे खगोलविद आकाशगंगाओं या खतरनाक क्षुद्रग्रहों की पहचान करने में कई बार असमर्थ हो जाते हैं।