विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में स्वाति पोर्टल लॉन्च किया। स्वाति पोर्टल को 11 फरवरी 2024 को लॉन्च किया गया।
स्वाति पोर्टल के बारे में:
- विज्ञान में लैंगिक अंतर की चुनौतियों से निपटने के लिए और नीति निर्माण में मदद के लिए STEM में भारतीय महिलाओं पर एक एकल ऑनलाइन पोर्टल है।
- स्वाति पोर्टल से तात्पर्य ‘साइंस फॉर वुमेन-ए टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन’ से है।
- स्वाति पोर्टल का उद्देश्य विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों (स्टेम) में, महिलाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया।
- विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक अनुपात को ठीक करना भी इसका एक प्राथमिक उद्देश्य है।
- स्वाति पोर्टल एक इंटरैक्टिव डेटाबेस और भारत में अपनी तरह का पहला पोर्टल है। स्वाति पोर्टल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च (एनआईपीजीआर) द्वारा विकसित किया गया है।
- एनआईपीजीआर के अनुसार, यह एक गतिशील रूप से विकसित होने वाला पोर्टल है। इसका प्रयास है कि देश की सभी महिला वैज्ञानिकों का डेटा एक बटन के क्लिक पर उपलब्ध हो।
- यह कार्यक्रम विज्ञान में महिलाओं के लिए महत्व के साथ-साथ विज्ञान और प्रोद्योगिकी प्रयासों में महिलाओं के उभरते अवसरों और समावेशन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आयोजित किया गया था।
स्वाति पोर्टल से क्या लाभ होगा?
- स्वाति पोर्टल “महिलाओं के लिए विज्ञान और विज्ञान में महिलाओं” के महत्व के साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयासों में महिलाओं की समावेशिता पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- इसमें कई स्तर के महिला अध्येताओं को शामिल किए जाने की संभावना है। जिसमें मुख्यतः
- युवा महिला वैज्ञानिक,
- शोधकर्ता,
- विभिन्न संस्थानों,
- विश्वविद्यालयों,
- पीजी कॉलेजों के साथ-साथ पूरे देश के उद्योगों के छात्रों,
- टेक्नोक्रेट और स्टार्ट-अप को शामिल किया जा सकता है।
- यह ज्ञान के प्रसार, मौलिक विज्ञान में नई प्रगति और आत्मनिर्भर भारत के आधार को मजबूत करने में लाभदायक होगा।
- इस पोर्टल के विभिन्न अनुभागों में पुरस्कार विजेता और निदेशक, सचिव, अकादमी अध्यक्ष; भारतीय विश्वविद्यालय आदि का विवरण प्रदान किया जाएगा।
महिलाओं से संबंधित वर्तमान वैज्ञानिक परिदृश्य:
- महिलाओं को सशक्त बनाने का अर्थ निर्णयन में उनकी भूमिका को बढ़ाना है जो महिलाओं के जीवन को प्रभावित करता है।
- विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक महिलाओं को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक शिक्षा न केवल जागरूकता के स्तर को बढ़ाती है बल्कि सही और गलत के बीच निर्णय लेने की क्षमता के साथ एक मानसिकता का विकास भी करती है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं को प्रशिक्षित करने से उनके समक्ष आने वाली समस्याओं से निपटने के साथ ही उनके चहुमुखी विकास को सुनिश्चित करता है।
- महिला वैज्ञानिक, कई वैज्ञानिक और सामाजिक मुद्दों पर अन्य महिलाओं को जागरूक करके अवसर प्रदान कर सकती हैं। इससे विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक अंतर को कम किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च (एनआईपीजीआर) के बारे में:
- एनआईपीजीआर, भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सहायता प्राप्त एक स्वायत्त संस्थान है।
- एनआईपीजीआर वर्ष 1998 में स्थापित किया गया था।
- एनआईपीजीआर पादप जीवविज्ञान के अग्रणी क्षेत्रों में योगदान करने के लिए तैयार है। जिसमें प्रमुखतः
- कम्प्यूटेशनल जीवविज्ञान
- जीनोम विश्लेषण और आणविक मानचित्रण
- अजैविक तनाव प्रतिक्रियाओं के आणविक तंत्र
- पोषण जीनोमिक्स
- पादप विकास और वास्तुकला
- पादप प्रतिरक्षा
- आण्विक प्रजनन
- फसल सुधार के लिए ट्रांसजेनिक।