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SEBI directs Mutual Fund to deploy funds within 30 days of NFO

Utkarsh Classes Last Updated 28-02-2025
SEBI directs Mutual Fund to deploy funds within 30 days of NFO Economy 5 min read

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड की परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) को योजना इकाइयों के आवंटन की तारीख से 30 व्यावसायिक दिनों के भीतर ,नए फंड ऑफर (एनएफओ) के माध्यम से निवेशकों से एकत्र किए गए धन को निवेश करने का निर्देश दिया है। वर्तमान में, एनएफओ के माध्यम से एकत्र किए गए धन को तैनात करने की कोई समय सीमा नहीं है।

सेबी के नवीनतम निर्देश को म्यूचुअल फंडों द्वारा एनएफओ की गलत बिक्री को रोकने और उन्हें जनता से अतिरिक्त धन जुटाने से हतोत्साहित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

सेबी द्वारा अनुमोदित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी  (एएमसी) के द्वारा निवेशकों से एनएफओ के माध्यम से  जुटाए गए धन का प्रबंधन करती है।

यह कब से लागू होगा?

सेबी का यह निर्देश भारत में म्यूचुअल फ़ंड पर  1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।

सेबी निर्देश के मुख्य बिंदु 

  • म्यूचुअल फंड को अपने नई स्कीम के अनिवार्य सूचना दस्तावेज़ (एसआईडी) में, एएमसी को वह अवधि निर्दिष्ट करनी होगी जिसके दौरान वह निवेशकों से एकत्र किए गए धन को निवेश करेगी।
  • निवेशक से एकत्रित धन को, म्यूचुअल फंड के स्कीम के निवेशकों को स्कीम की इकाइयों(यूनिट्स) केआवंटन की तारीख से 30 व्यावसायिक दिनों के भीतर, निवेश करना होगा।
  • यदि एएमसी 30 व्यावसायिक दिनों के भीतर धनराशि निवेश करने में विफल रहती है, तो उसे एएमसी की निवेश समिति को लिखित रूप में इसका कारण बताना होगा।
  • यदि एएमसी निवेश समिति संतुष्ट है, तो वह समय सीमा को 30 व्यावसायिक दिनऔर बढ़ा सकती है।
  • यदि एएमसी विस्तारित अवधि के भीतर भी निवेश करने में विफल रहती है, तो वह इस स्कीम में कोई नई निवेश  तब तक स्वीकार नहीं कर सकती  जब तक कि वह अपने एसआईडी में उल्लिखित दिशा निर्देशों के तहत निवेशकों के निधि का निवेश नहीं कर लेती ।
  • फंड के निवेश में एएमसी के गैर-अनुपालन के कारण एएमसी ऐसी योजना से बाहर निकलने वाले निवेशकों पर निकास भार नहीं लगा सकती है। 
  • म्यूचुअल फंड के ट्रस्टी,एनएफओ में एकत्रित धन की निवेश की निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे।

म्यूचुअल फंड का नियामक 

  • भारत में म्यूचुअल फंड को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है।

म्यूचुअल फंड, ट्रस्टी और एएमसी 

  • म्यूचुअल फंड बाजार मध्यस्थ हैं जो जनता की बचत को एकत्रित करते हैं और म्यूचुअल फंड द्वारा उल्लिखित निवेश उद्देश्यों के अनुसार मुद्रा बाजार या पूंजी बाजार के पूंजी उपकरणों में निवेश करते हैं। 
  • भारत में म्यूचुअल फंड का अग्रणी यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया था।
  • यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना 1963 में संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। 
  • 1964 में यूटीआई ने भारत की पहली म्यूचुअल फंड स्कीम यूनिट स्कीम 1964 (यूएस 64) का शुभारंभ किया।

नया फंड ऑफर (एनएफओ)

  • जब एएमसी पहली बार आम निवेशकों  को म्यूचुअल फंड के किसी स्कीम की इकाई बेचती है , तो इसे एनएफओ कहा जाता है।

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FAQ

उत्तर: निवेशकों को स्कीम के इकाइयों के आवंटन की तारीख से 30 व्यावसायिक दिनों के अंदर।

उत्तर: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)

उत्तर: जब एएमसी पहली बार आम निवेशकों को म्यूचुअल फंड के किसी स्कीम की इकाई बेचती है , तो इसे एनएफओ कहा जाता है।
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