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2024 में भारत में प्रेषण $124 बिलियन होने की संभावना: विश्व बैंक

Utkarsh Classes Last Updated 28-06-2024
Remittance to India in 2024 Likely to be $ 124 billion:  World Bank Report 5 min read

अपने नवीनतम 'प्रवासन और विकास संक्षिप्त' रिपोर्ट में, विश्व बैंक को उम्मीद है कि भारत को 2024 में $124 बिलियन का आवक प्रेषण प्राप्त होगा। 2023 में, भारत को $120 बिलियन का आंतरिक प्रेषण प्राप्त कर दुनिया का सबसे बड़ा प्रेषण प्राप्तकर्ता देश बन गया।

प्रवासन और विकास संक्षिप्त विवरण विश्व बैंक द्वारा वर्ष में दो बार प्रकाशित किया जाता है, और नवीनतम रिपोर्ट 26 जून 2024 को प्रकाशित की गई थी। संक्षिप्त विवरण दुनिया में प्रेषण प्रवाह से संबंधित प्रवृत्ति और मुद्दों पर एक अद्यतन प्रदान करता है

प्रेषण क्या है? 

प्रेषण से तात्पर्य धन के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण से है। धन को एक देश के अन्दर एक जगह से दूसरे जगह  या एक देश से दूसरे देश में स्थानांतरित किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में, इसका तात्पर्य एक देश से दूसरे देश में धन के हस्तांतरण से है। जिस देश से धन हस्तांतरित किया जाता है उसे प्रेषण का स्रोत कहा जाता है, और जिस देश को धन प्राप्त होता है उसे प्राप्तकर्ता कहा जाता है।

लेखांकन के संदर्भ में, जिस देश से निधि भेजी जा रही है उसे जावक प्रेषण के रूप में दर्ज़ किया जाता है और जिस देश को निधि प्राप्त हो रही है उसे आवक प्रेषण के रूप में दर्ज़ किया जाता है।

आम तौर पर, किसी देश का नागरिक जो दूसरे देश में काम करता है, वह अपना पैसा अपने देश में अपने रिश्तेदारों को भेजता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट देश के श्रमिकों, जिन्हें प्रवासी भी कहा जाता है, द्वारा अपने देश वापस भेजे गए धन को ध्यान में रखती है।

जून 2024 प्रवासन और विकास संक्षिप्त रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • भारत को 2024 में $124 बिलियन और 2025 में $129 बिलियन का प्रेषण प्राप्त होने की उम्मीद है।
  • भारत को 2023 में प्रेषण के रूप में $120 बिलियन प्राप्त हुए।
  • भारत में धन प्रेषण की वृद्धि दर 2023 में 7.5 प्रतिशत थी और 2024 में इसमे 3.7 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
  • भारत दुनिया में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता देश है, इसके बाद मेक्सिको ($66 बिलियन), चीन ($50 बिलियन), फिलीपींस ($39 बिलियन), और पाकिस्तान ($27 बिलियन) हैं।
  • 2023 में भारत प्रवासियों (18.7 मिलियन) के लिए सबसे बड़ा मूल देश बना रहा,उसके बाद यूक्रेन (11.9 मिलियन), चीन (11.1 मिलियन), मैक्सिको (11 मिलियन), और वेनेजुएला (8.9 मिलियन) का स्थान रहा।

भारत में धन प्रेषण का स्रोत 

संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के प्रेषण का सबसे बड़ा स्रोत है, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात है।

रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि प्रेषण की लागत कम होने के कारण सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात से प्रेषण में वृद्धि होगी। 

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत-संयुक्त अरब अमीरात मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के कार्यान्वयन से द्विपक्षीय व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा मिला है। दोनों देशों के बीच भुगतान प्रणालियों के मिलन से सीमा पार लेनदेन की लागत कम हो गई है। इस कारण लोग अब  अवैध हवाला नेटवर्क के बजाय औपचारिक प्रेषण चैनलों के उपयोग कर रहे हैं।

रिपोर्ट को उम्मीद है कि अप्रवासी जनसंख्या आधार के विविधीकरण के कारण भविष्य में भी  भारत में प्रेषण मजबूत रहेगा। भारतीय प्रवासियों में उच्च आय वाले विकसित देशों में कार्यरत कुशल प्रवासी और खाड़ी देशों में कम कुशल या अर्ध-कुशल श्रमिक शामिल हैं। इस प्रकार, अगर दुनिया के किसी एक हिस्से में कोई आर्थिक समस्या हो जाए तब भी भारत को होने वाले प्रेषण पर ज़्यादा फर्क नहीं पड़ेगा और भारत में प्रेषण स्थिर रहने की संभावना है।

विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट 

विश्व बैंक की स्थापना जुलाई 1944 में हुई थी।

विश्व बैंक पाँच अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का एक समूह है। यह कई शोध रिपोर्ट जारी करता है। इनमें से महत्वपूर्ण हैं:

  • विश्व विकास रिपोर्ट 
  • वैश्विक आर्थिक संभावना 
  • वैश्विक वित्तीय विकास रिपोर्ट
  • कमोडिटी मार्केट आउटलुक
  • अंतर्राष्ट्रीय ऋण सांख्यिकी

मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका

अध्यक्ष: अजय बंगा 

सदस्य: 180 देश।

FAQ

उत्तर: विश्व बैंक

उत्तर: 120 अरब डॉलर

उत्तर: साल में दो बार।

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका के अजय बंगा
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